केन्द्र का मानना है कि जजों का काम सिर्फ और सिर्फ अदालत में बैठ कर फैसले करना है। जो कुछ कहें वहीं कहें उस के अलावा कहीं कुछ न कहें। वह एक स्वावलंबी न्यायपालिका नहीं चाहता। जज शैलेन्द्र कुमार ने कहीं भी अपने पद की मर्यादा को नहीं तोड़ा है। पर उन्हों ने जो कुछ अपनी इस साइट पर लिखा है। उस से सरकार और न्यायपालिका के अनेक फोड़े जनता को नजर आने लगे हैं। सरकार को यही कष्ट है।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंकेन्द्र का मानना है कि जजों का काम सिर्फ और सिर्फ अदालत में बैठ कर फैसले करना है। जो कुछ कहें वहीं कहें उस के अलावा कहीं कुछ न कहें। वह एक स्वावलंबी न्यायपालिका नहीं चाहता।
जवाब देंहटाएंजज शैलेन्द्र कुमार ने कहीं भी अपने पद की मर्यादा को नहीं तोड़ा है। पर उन्हों ने जो कुछ अपनी इस साइट पर लिखा है। उस से सरकार और न्यायपालिका के अनेक फोड़े जनता को नजर आने लगे हैं। सरकार को यही कष्ट है।
वाह भाई आपके इस लेख मे दम है
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