ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है

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  • सुनील वाणी
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    ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है
    की तू जब चाहता है तब खाता है
    और हमें जब मिल जाय तब खाते हैं.
    ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है
    की तू वो परिधान पहनता है,
    जिसमे एक भी पैबंद न हो
    और हम वो वस्त्र पहनते हैं
    जिसमे दो-चार पैबंद न हो.
    ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है
    की तेरे पांव जमीन पे नहीं पड़ते
    और हम मीलों यूँ ही निकल जाते हैं.
    ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है
    की तू अपने बूढ़े माँ बाप को ओल्ड एज होम में रखता है
    और हम आज भी अपने रोम रोम में
    ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है......

    1 टिप्पणी:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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