रूचिका गिरहोत्रा छेड़खानी के मामले में दोषी पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौर जब उसी अदालत से ज़मानत ले कर निकलते हैं जिसने उनको दोषी पाया तो उनके चेहरे पर अभूतपूर्व जीत और सिस्टम को ठेंगा दिखाने वाली आततायी हंसी खिली हुई थी। ठीक एक साल बाद 24 दिसंबर को जब छ्तीसगढ़ की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने डाक्टर बिनायक सेन को देशद्रोह के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई तो राठौर बहुत याद आया। क्योंकि उसकी वही क्रूर हंसी अब उसी सिस्टम ने ओढ़ी हुई थी जिसे कभी राठौर जैसे दानव ने कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया था।
हिंदुस्तान की आज़ाद, सभ्य और निष्पक्ष न्यायपालिका ने डाक्टर बिनायक की जान बख्श कर अभूतपूर्व साहस का परिचय दिया है। वर्ना इतने ही कमज़ोर सबूतों के बल पर अंग्रज़ी हुकूमत बिनायक सेन जैसे ‘देशद्रोहियों’ को पास के पेड़ से आनन-फानन में सूली से लटका देती थी। READ MORE
सिस्टम के इन डॉक्टरों का क्या करें ?
Posted on by पुष्कर पुष्प in
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
आपके आने के लिए धन्यवाद
लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद