http://lalitdotcom.blogspot.com/2010/12/22.html |
जो नहीं जानते
वे जान जायें
पाबला प्यारे
दिल्ली में हैं
आज मिल रहे हैं
इसलिए संख्या 36 तो होगी ही
पर 36 का आंकड़ा न होगा
एक और एक ग्यारह
की ताकत
देखिएगा
कितने जुटेंगे
कितने मिलेंगे
सबको कैद करके ले जायेंगे
पाबला जी
अपने कैमरे में
फिर छोड़ देंगे
इंटरनेट स्पेस पर
मंडराने के लिए नहीं
ब्लॉगियाने के लिए
बहुत सारे लगायेंगे
खूब सारी पोस्टें
जिन पर आयेंगी
धड़ाधड़ टिप्पणियां
यहां पर कीजिएगा अवश्य
पुष्टि
आप आ रहे हैं
टिप्पणियों की संख्या से
लगाया जायेगा अंदाजा
कितना मचेगा शोर
और सार्थक बातें होंगी हर ओर
वैसे कल भी हुई हैं
जब मिले थे
चार हिन्दी ब्लॉगर
नंबर एक पाबला जी
दो नंबर पर राधारमण जी
तीसरे नीरज बधवार जी
और चौथा कौन ?
मैं तो भूल गया
पर शायद आपको याद हो
मेरी आदत है कि
अक्सर भूल जाता हूं
पर नहीं भूलूंगा
19 दिसम्बर 2010 की शाम को
6 बजे 36गढ़ भवन, दिल्ली में
पहुंचना
मिलना
जुलना।
हम छिपे हैं यहां, डर कर नहीं मिलने के लिए |
वाह बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंकाजल जी
जवाब देंहटाएंदूर दूर से
वाह
बहुत
बढि़या
कह रहे हैं
आज तो आप भी
पहुंच ही जाइये
निकाल कर समय
छुट्टी के दिन
घर से लेकर छुट्टी
वो भी शाम को
पूरे आराम से।
shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंहमरी शुभकामना भी स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंआ रहा हूँ. नोट करें.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया।
जवाब देंहटाएंआ जाऊं ?
जवाब देंहटाएंआ जाता हूँ .... बहुत बढ़िया
पहले क्यों नही बताया ?
जवाब देंहटाएंहम भी आ जाते आपकी महफ़िल में !
बहरहाल अपने दिलों में हमारी भी हाजिरी मान लीजिए !
भारतीय नागरिक और अन्य सभी वे साथी जो इन ब्लॉगर सम्मेलनों में शिरकत करना चाहते हैं, उनसे मेरा फिर से विनम्र अनुरोध है कि वे नुक्कड़ पर दिन में दो बार अवश्य घूम जाया करें, ताकि इन प्रकार के आयोजनों की जानकारी आपको मिल सके और आप तरह के आयोजनों से वंचित न रह पायें। निजी तौर पर न तो सबको फोन पर सूचना देना संभव ही है और न याद ही रहता है कि किनको फोन पर सूचित किया जाना है। इसलिए नुक्कड़ पर भ्रमण करना आपको ऐसे अवसर उपलब्ध कराता रहेगा।
जवाब देंहटाएंगिरीश बिल्लौरे और अविनाश वाचस्पति की वीडियो बातचीत
इस बातचीत को सुनने के लिए विनम्र अनुरोध है। नुक्कड़ आप सबका है, इसे मेरा नहीं, अपना और हिन्दी का मानें।