कल रात बरसी बारिश की रिमझिम फुहार है।

Posted on
  • by
  • Ravinder Punj
  • in
  • Labels:
  • कल रात बरसी बारिश की रिमझिम फुहार है।
    सर्दियों की शुरू हो गई अब बहार है।।


    अब तो निकलेंगे मोटे कंबल, जैकेस, मौजे और रजाइयां,
    हीटर और गीजर भी पानी गर्म करने को तैयार है।
    दिन होते जायेंगे अब तो छोटे, छोटे और छोटे,
    और रातें बड़ी, बड़ी और बड़ी हो जाने को तैयार हैं।।
    कल रात बरसी बारिश...

    अब तो नहाना होगा कई-कई दिन में,
    तेल-शैंपू भी लंबे समय तक चलने को तैयार है।
    सेंट और डियो की नई वैरायटी आ गई है बाजार में,
    और जेब पर अतिरिक्त बोझ पडऩे को तैयार है।।
    कल रात बरसी बारिश...

    बच्चों का स्‍कूल का टाईम भी हुआ चेंज,
    सारा शैडयूल नये सिरे से बनने को तैयार है।
    जॉब करने वाली मम्मियों का टाईम टेबल बिगड़ा,
    इसलिए अब डैडी भी रसोई में मदद करने को तैयार हैं।।
    कल रात बरसी बारिश...

    अब तो खाने को तरह-तरह के पकवान मिलेंगे,
    ये सोचते ही मन ललचाने को तैयार है।
    ज्यादा खाकर पेट अगर बाहर आ भी गया,
    तो कमर पेटी (बेल्ट) कसकर बंधने को तैयार है।।
    कल रात बरसी बारिश...

    डाक्टरों की भी होगी चांदी अब तो,
    उनके हथियार भी बैग से बाहर आने को तैयार हैं।
    क्‍योंकि सर्दी, खांसी और जुकम का आ गया है सीज़न,
    डाक्टर दो-दो, चार-चार टीके मरीजों को ठोकने को तैयार हैं।।
    कल रात बरसी बारिश...

    0 comments:

    एक टिप्पणी भेजें

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz