राष्ट्रपिताजी महात्मा गांधी मुझे क्लिक करके पढ़ना मत भूलिएगा
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आनंद ही मजा है |
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गांधी जी साथ होते तो ... |
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कवि, कविता और ब्लॉगर |
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सच्चा चित्र |
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मुझे मत पहचानें |
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नाम आप बतलायें |
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याद दिलाती यादें |
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नदी में ब्लॉगर |
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आश्रम पहचानें |
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धन्यवाद दे ही दूं |
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यदि जाना हो तो अवश्य तलाशें |
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आओ ब्लॉगिंग की चक्की चलायें |
गर महात्मा गांधी जी ने हिन्दी ब्लॉग बनाया होता ?
ऊपर और नीचे के लिंक पर क्लिक जरूर कीजिएगा
महात्मा गांधी जी ने पत्र लिखा है, आप भी पढि़ए
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सारे चित्र कविता जी ने ... |
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दौड़ या होड़ |
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जरूरत है परिचय की |
मन में इच्छा है, सच्चाई जानें और नेक बन जायें तो अनेक लिंक दे रहा हूं, इन्हें पढ़ें और अपनी राय बतलायें। प्रस्तुत चित्र महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा में आयोजित सेमिनार और इतर सेमिनारी चित्र हैं, जिनमें नर और नारी, गांधी जी की स्मृतियां और आचार्य बिनोवा भावे के पवनार आश्रम और वहां पर कल कल करके कल की याद कराती पवित्र पावनी नदी है।
चित्र पुरानी यादें ताज़ा करवा गए.
जवाब देंहटाएंअजब गजब प्रस्तुती ..
जवाब देंहटाएंबढिया चित्र, बढिया समारोह ... बधाई॥
जवाब देंहटाएंपसंद आयी यह यादगार
जवाब देंहटाएंआपके लिंकस पढ़ लिए गए हैं, सारे ही चित्र अच्छे हैं। बधाई।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति...दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंmuh bolti tasveere.
जवाब देंहटाएंयादें ताज़ा....
जवाब देंहटाएं:)
बहुत शानदार तस्वीरें.
जवाब देंहटाएंजितनी भी पोस्टें आ रही हैं वर्धा सम्मेलन की सब एक से बढ कर एक हैं ..और सच में ही सहेजने लायक हैं । ये हिंदी अंतर्जाल पर एक तोहफ़े की तरह आने वाली पीढियों को मिलेंगी और यही ब्लॉगिंग को सार्थकता प्रदान करेगी
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