डीएलए को
बात बेबात को
साखी को
जानते हैं आप
डॉ. सुभाष राय जी को
वे आगरा छोड़ गए हैं
लखनऊ पहुंच गए हैं
जनसंदेश टाइम्स
में संभाला है संपादक का कार्यभार
भार अभी ज्यादा है
कम ज्यादा नहीं
ज्यादा वाला ज्यादा है।
संपादक से अधिक की
जिम्मेदारी वाला है
इसलिए उनके ब्लॉगों पर
चल रहा अवकाश है
जल्दी ही वे लौटेंगे
पुन: होंगे दोगुने-चौगुने
जोश से सक्रिय
पर अभी महाव्यस्त हैं
जनसंदेश में।
अभी तक सोच रहे हैं |
काबलियत की पुकार |
इंटरनेट पर भी
नहीं पहुंच पा रहे हैं
आप समझ रहे होंगे
उनके ई मेल में
अनपढ़ी-अनखुली मेलों के
अंबार लगते जा रहे हैं।
हिन्दी ब्लॉगर इसे अन्यथा न लें।
मैं उन्हें जनसंदेश से जुड़ने की हार्दिक शुभकामनायें दे रहा हूं।
बहुत सुंदर जी.
जवाब देंहटाएंदशहरा की हार्दिक बधाई ओर शुभकामनाएँ!!!!
जिंदगी में व्यस्तता न रहे तो जीने का मजा नहीं आता. जीवन में आनंद पाना है तो व्यस्त तो रहना ही पड़ेगा. आप सभी लोगों को दशहरा की बहुत सारी शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंअर्जी भेज दूँ क्या। दिसम्बर के आखरी सप्ताह में खलनऊ जाना होगा ।
जवाब देंहटाएंडॉ. सुभाष राय जी को जनसंदेश से जुड़ने की हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसुभाष राय जी तो शुरू से ही व्यस्त रहे हैं ;हाँ इतना अवश्य है कि 'दर-ओ- दीवार बदले हैं ,शहर-ए-रोजगार बदले हैं |' हम तो पता लगा के मुहं मार ही लिया करेंगे |
जवाब देंहटाएंबहुत सारी शुभ-कामनाएँ -नया दर-ओ-दीवार, नया शहर, नया रोजगार रास आए | दिन- दूनी रात-चौगुनी उन्नति करें | यूं तो लखनऊ तहजीव का शहर है ,मैं वहां
लगभग चार साल रहा हूँ | सब-ब-खैर |
ढेरों मंगलकामनाएं. यहां भी सफल हों.
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें!!!
जवाब देंहटाएंसुभाष राय जी.....हार्दिक शुभकामनाये !!
जवाब देंहटाएंमेरी 3 बार फोन पर वार्ता हुई, एक बार जन-सन्देश के कार्यालय में आमने-सामने की मुलाक़ात भी हो गयी. अवकाश तो रहेगा क्योंकि सुभाष राय वास्तव में व्यस्त हैं.
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