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कन्हैयालाल नंदन |
अभी-अभी श्री प्रेम जनमेजय जी का मोबाइल संदेश प्राप्त हुआ है और उनसे फोन पर भी बात हुई है कि हिंदी साहित्य एवं पत्रकारिता को अमूल्य योगदान देने वाले तथा आत्मीयता,संवेदनशील तथा मिलनसार व्यक्तित्व के स्वामी श्रद्धेय कन्हैयालाल नंदन का आज 25 सितंबर को स्वर्गवास हो गया।।
श्री कन्हैयालाल नंदन जी की कविताएं इत्यादि इस बार गगनांचल के अंक में प्रकाशित हो रही हैं। अंक थोड़ा विलम्ब से है, प्रेम जी ने बतलाया कि वे नंदन जी को गगनांचल का वह अंक भेंट कर सरप्राइज देना चाहते थे परंतु नंदन जी ने बाजी मार ली। आखिर मारें भी क्यों न, हैं तो वे वरिष्ठ और आदरणीय रचनाकार-साहित्यकार। आज सुबह 4 बजे वे स्वर्ग की ओर प्रस्थान कर गए।
प्राप्त सूचना के अनुसार 26 सितंबर को साढ़े दस बजे लोधी रोड स्थित श्मशानघाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनकी कविता
अहसास का घर की पंक्तियां हैं
हर सुबह को कोई दोपहर चाहिए,
मैं परिंदा हूं उड़ने को पर चाहिए।
और वे बिना पर के ही उड़ गए। दोपहर का भी इंतजार नहीं किया। पर दोपहर आ रही है। बस नंदन जी नहीं हैं। उनकी
स्मृतियां हैं।
अभी जल्दी में इतना ही, शेष बाद में ...
नुक्कड़ और समस्त साहित्य परिवार की नंदन जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
दुख भरा समाचार है,
जवाब देंहटाएंमै नंदन जी को बचपन से पढ रहा हूँ।
ईश्वर उनके परिवार को दारुण दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे
एवं मृतात्मा को अपनी शरण में लेकर शांति प्रदान करे।
NANDAN JI KE MAHAPRASTHAN KI KHABAR LALITYA LALIT K SMS SE MILI. MAN DUKHI HAI. NANDAN JI KASNEH MUJHE BHI KHOOB MILA. NBT ME MERE ANEK VYANGYA UNHONNE PRAKASHIT KIYE THE. EK BAAR APNE KAALAM MEY MERA ZIKR BHI KIYA THA. VEY NAYE LEKHAKO KO AAGE BARHANE KA KAAM KARTE RAHE. UNKI KAMI KHALEGI. UNHE ANTIM PRANAAM...
जवाब देंहटाएंhamaree vinmra sgraddhanjali !
जवाब देंहटाएं-ashok lav
श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंNandan ji ke nidhan ka dukhad samachar mila ,unhe shradhanjali.
जवाब देंहटाएंpavitra
यह कैसा समाचार है? कल्पना से परे। नि:शब्द कर देने वाला।
जवाब देंहटाएंबचपन से नंदन जी को पढते आ रहे हैं .....सचमुच दुखद समाचार....
जवाब देंहटाएंअरे? विश्वास नहीं होता।
जवाब देंहटाएंईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
उनकी स्मृति को प्रणाम! उनके संपादकत्व में लगभग ८ साल काम करने का अनुभव मिला। इस बीच भी लगातार बात होती रहती थी। यह समाचार आकस्मिक है।
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि!
Ishwar unki aatma ko shanti de.
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजली..
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजली.
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि,उनकी स्मृति को प्रणाम!
जवाब देंहटाएंनन्दन जी को विनम्र श्रद्धांजलि !
जवाब देंहटाएंहिंदी के नंदन कानन में नंदन की कलम पारिजात की तरह अबको आकर्षित करती ठी. उनक अभाव लम्बे समय तक महसूस किया जाएगा. मेरी हार्दिक श्रृद्धांजली.
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि.
जवाब देंहटाएंदुखद समाचार है.
Vinamr shraddhanjali arpit karti hun.
जवाब देंहटाएंएक उत्कृष्ट साहित्यकार और श्रेष्ठ मनुष्य चला गया। समाचार पीडादायक है। ईश्वर उनकी आत्मा को स्वयम् में समाहित करे।
जवाब देंहटाएंओह!
जवाब देंहटाएंनंदन जी का अवसान हिन्दी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंप्रमोद ताम्बट
भोपाल
www.vyangya.blog.co.in
http://vyangyalok.blogspot.com
व्यंग्य और व्यंग्यलोक
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बहुत ही दुखद खबर....यह अपूर्णीय क्षति है...विनम्र श्रधांजलि...ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार जानो को यह दुख सहने की क्षमता...
जवाब देंहटाएंसमाचार बहुत ही दुखदायी है । भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे । नंदन जी को विनम्र श्रृद्धांजलि .
जवाब देंहटाएंदुखद !
जवाब देंहटाएंओह!! हिन्दी साहित्य को एक और क्षति.. दुखद.. उन कलम के सच्चे सिपाही को श्रद्धांजलि...
जवाब देंहटाएंकन्हैया लाल नन्दन जी को मेरी ओर से भाव-भीनी श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंनन्दन जी को विनम्र श्रद्धांजलि !
जवाब देंहटाएंमैं स्तब्ध हूं!! अभी दो दिन पहले ही उनकी रिकॉर्डिंग सुन रही थी... और आज ये खबर.... एक ऐसी क्षति जिसे सचमुच पूरा नहीं किया जा सकता. विनम्र श्रद्धान्जलि.
जवाब देंहटाएंलखनऊ के रवींद्रालय हॉल में जब उनसे बात की थी तो बिल्कुल भी अहसास नहीं था कि यह आखिरी मुलाकात होगी. फिर कुछ दिन पहले उनसे फोन पर बात हुई थी. वो लगभग डांटते हुए कह रहे थे आर्टिकल की कॉपी जरूर भेजना. तुम अखबार वाले कह देते हो फिर भेजते नहीं. नई पीढ़ी को लेकर वे बहुत आशान्वित थे. इस खबर पर तो यकीन ही नहीं हो रहा है.
जवाब देंहटाएंनन्दन जी को विनम्र श्रद्धांजलि !
जवाब देंहटाएंओह ! उनसे परिचय बीबीसी लंदन के जमाने से हुआ था ..अभी अखबार आज समाज में ग्रुप संपादक के रूप में उनको पढता देखता था । हे ईश्वर , उनकी आत्मा को शांति दें
जवाब देंहटाएंदुखद खबर ! कन्हैया लाल नंदन जी को मेरी विनम्र श्रृद्धांजलि .
जवाब देंहटाएंनन्दन जी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना एवं श्रृद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंसादर
समीर लाल
बहुत ही दुखद समाचार, नंदन जी मेरे पसंदीदा कवियों में से एक थे। भगवान उनकी आत्मा को शांती दे और उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति। हमारी संवेदनाएं अनूप जी के साथ जो अपने मामा के जाने का दुख झेल रहे हैं।
जवाब देंहटाएंनितांत दुखद समाचार, नंदन जी को पढते पढते ही जाना कि पढना क्या होता है? साहित्य जगत की अपूर्णीय क्षति है पर इसके अलावा नंदन जी के पाठकों के लिये हृदय विदारक समाचार है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे एवम परिजनों को इस दुखद घटना को सहन करने की शक्ति दे.
जवाब देंहटाएंरामराम.
ईश्वर , नंदन जी की आत्मा को शांति प्रदान करें ।
जवाब देंहटाएंक्या कहूं समझ नहीं आ रहा।
जवाब देंहटाएंप्रभू उनकी आत्मा को शांति और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।
साहित्य के एक युग का अवसान...नंदन जी को पुरनम आंखों से विदाई...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
श्रद्धांजली..
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजली.. रचनाधर्मी श्री कन्हैयालाल नंदन जी अमर रहें.
जवाब देंहटाएंसाहित्य के नए कलमकारों को तो शायद इस शख्शियत के बारे में ज्ञात भी नहीं होगा?
जवाब देंहटाएंये वाकई अपूरणीय क्षति है.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
१९७८ में सस्वर गीत पढ़ते नंदन जी से काव्य गोष्ठी में पहली मुलाकात हुई थी तब से आज तक न तो उनकी मिलनसारिता धूमिल हुई और न उनकी काव्य संवेदना ..नंदन जी के सहज व्यवहार में संवेदन शीलता सदाबहार की तरह रही .बारम्बार नमन .,
जवाब देंहटाएं१९७८ में सस्वर गीत पढ़ते नंदन जी से काव्य गोष्ठी में पहली मुलाकात हुई थी तब से आज तक न तो उनकी मिलनसारिता धूमिल हुई और न उनकी काव्य संवेदना ..नंदन जी के सहज व्यवहार में संवेदन शीलता सदाबहार की तरह रही .बारम्बार नमन .,
जवाब देंहटाएंओह ....बेहद अफ़सोस जनक .......
जवाब देंहटाएंउन्हें भावभीनी श्रद्धांजली .....!!
नन्दन जी को विनम्र श्रद्धांजलि! ईश्वर , उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें ।
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि ...!
जवाब देंहटाएंनन्दन जी को विनम्र श्रद्धांजलि !
जवाब देंहटाएंदेह दाह हो गई
जवाब देंहटाएंविचारों की राह सही
मुलाकात का सबब बना
नंदन जी का जाना
मिलने का बहाना
अनूप शुक्ल, डॉ. कमलकांत बुधकर
और बहुत से पहचाने चेहरे
इनमें बहुतों के तो नाम मालूम
पर अनेक नहीं मालूम
पर नाम-विचार सदा महत्वपूर्ण
अधूरे कर्म विचारों से होते हैं पूर्ण।
विनम्र श्रद्धांजली...
जवाब देंहटाएंnandan jee ko hardik shrandjali arpit hai , ''aakahr kalash '' ki aur se bhi . ishwar unko moksh pradan kare .
जवाब देंहटाएंom shanti shanti shanti !
नंदन जी का मुस्कराता चेहरा मेरे आँखों के समक्ष दीप्तिमान हो रहा है . जब वे २००९ में मुम्बई के हिंदी साहित्य अकादमी के सम्मेलन में मिले थे .
जवाब देंहटाएंऐसे विन्रम ,सौम्यता की प्रतिमूर्ति को मेरी हार्दिक श्रधांजली .
मंजू गुप्ता
वाशी ,नवी मुंबई .