बारिशरानी से रोमांटिक बातचीत

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • रिमझिम वाले अंदाज में बातचीत शुरू हुई। बारिश ने बतलाया कि आपको याद ही होगा कि पिछले दिनों सरकार ने ऐलान किया था कि दिल्‍ली में गेम्‍स के अवसर पर चूहे नहीं रहने दिए जायेंगे, इसलिए मैं लगातार बरस रही हूं। जिससे जमीन में बिल बनाकर रहने वाले चूहे बाहर निकल आयें और सरेंडर कर दें। मैं उन चूहों की गारंटी नहीं ले रही, जिनके बैंक खातों तक मैं चाहकर भी नहीं पहुंच सकी और न उन पर छींटे ही डाल पाई। इस तहकीकात में मुझे किसी भी जमीनी बिल में एक भी चूहा-सांप-बिच्‍छू इत्‍यादि नहीं मिले हैं। मैंने पाया है कि वे सब एयरकंडीशंड गाडि़यों में सामने घूमते हुए भी छिपे रहते हैं।

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