जो लिखते हैं
कंप्यूटर पर निरंतर
उनको नहीं पड़ता अंतर
पर अच्छा है यह जंतर
लिखावट की जिंदगी
आह से अहा हो जाती है
जब लिखावट सुधर जाती है।
पूरी जानकारी के लिए चटका लगाएं
अपने बच्चों की ही नहीं, अपनी लिखावट भी सुधारें
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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अविनाश वाचस्पति,
लिखावट सुधारें