31 जुलाई 2010 को हैदराबाद में लोकार्पण है : पुस्‍तक का नाम व समय इत्‍यादि विवरण आप बतलाएं (अविनाश्‍ा वाचस्‍पति)


यह कहानी संग्रह है
पवित्रा अग्रवाल विरचित कहानियों का
पढ़ना चाहें तो बतलायें

वैसे उजाले दूर नहीं
अधिक अब
मन तो सबके
प्रकाशित हैं ही
जिनके मन में अंधेरा है
उनके मन में उजालों की
की जा रही है वायरिंग

कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स के साथ ही
उम्‍मीद है सब सही चलता रहा
तो मन में भी हो जाएगी
बिजली सप्‍लाई

पर घबराइयेगा मत
अगर उसका बिल आ जाए
क्‍योंकि फ्री बिजली देता है
सिर्फ सूरज

और सूरज से जिनके मन
होते हैं प्रकाशित
वहां कभी अंधेरा नहीं होता
और मिलते हैं भारी भरकम
राशि के बिल

न कटती है बिजली
पर जिंदगी जरूर कट सकती है
यदि वहां तक हवा न पहुंच पाए

इसीलिए कहा गया है
हर सांस में विश्‍वास।

कल यानी 31 जुलाई 2010 को इसका भारत के किसी शहर में लोकार्पण हो रहा है। नुक्‍कड़ के जागरूक पाठक, जो हैदराबाद के हैं, वे या अन्‍य जो भी हैं, वे इसकी पूरी जानकारी टिप्‍पणियों में साझा करें। यह एक इशारा भर है उस राज्‍य का, जिस राज्‍य की लेखिका हैं। जरूर कहानी संग्रह का लोकार्पण वहीं हो रहा होगा।
नुक्‍कड़ परिवार की शुभकामनाएं इस लोकार्पण पर। पूरा विवरण मिलते ही प्रकाशित किया जाएगा। या आप मार लें बाजी।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

आपके आने के लिए धन्यवाद
लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

 
Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz