एक ऐसा चिट्ठाकार जिसने मात्र एक वर्ष की हिंदी चिट्ठाकारी में वह श्रेष्ठता हासिल करने में सफलता पायी है जो शायद किसी को वर्षों की साधना के पश्चात भी हासिल नहीं होता !
एक ऐसा चिट्ठाकार जिसकी भाषा बरबस आकर्षित करती है और शब्द चमत्कृत करते हैं ....हिंदी चिट्ठाकारी को नया आयाम देने की दिशा में सक्रीय नए चिट्ठाकारों में ये वेहद समर्पित और उत्साह से परिपूर्ण हैं !
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने हिंदी चिट्ठाकारी से संवंधित आलेख लेखन के लिए वर्ष के श्रेष्ठ लेखक का अलंकरण देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है .
विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ किलिक करें
ये ऐसे चिट्ठाकार हैं, जो आम तौर से 'तस्लीम', 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' और 'सर्प संसार' सम्बंधी वैज्ञानिक चेतना का प्रसार करने वाली गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं, पर मूलत: वे एक बाल साहित्यकार हैं और बहुत ही कम उम्र में बाल साहित्य की उन ऊचाँईयों का स्पर्श किया है, जो बहुतों के लिए सपनों जैसा है।
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने हिंदी चिट्ठाकारी से संवंधित आलेख लेखन के लिए वर्ष के श्रेष्ठ बाल साहित्यकार का अलंकरण देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।
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इसके अतिरिक्त ब्लोगोत्सव-२०१० पर अवश्य पढ़ें --
सितारों की महफ़िल में आज 'जा़किर अली रजनीश'
सितारों की महफ़िल में आज प्रमोद तांबट
आप शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो उसी पोस्ट के लिंक पर क्लिक करके परिकल्पना ब्लॉगोत्सव 2010 की संबंधित पोस्ट पर ही देंगे तो पाने वाले और देने वाले - दोनों को भला लगेगा। यह भलापन कायम रहे।
श्रेष्ठता का पैमाना :लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान
Posted on by रवीन्द्र प्रभात in
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