श्रेष्ठता का पैमाना :लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान

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  • रवीन्द्र प्रभात
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  • जिन्होंने अपने नन्हे मन में छिपी बड़ी इच्छाशक्ति के बल पर ब्लोगोत्सव को दिया एक बड़ा आकाश और संगीत की एक ऐसी जमीन जिसपर टिककर आज पूरा हिंदी चिट्ठाजगत सर उठाकर देखने को आतुर है आकाश के झिलमिल सितारों को ....!

    संगीत के प्रति इन तीनों की श्रद्धामयी भावना और साँसों-साँसों में बसी अदम्य आकांक्षा की खुशबू .....अपराजेय ख्वाहिशों के साथ पवित्रता की हद तक ईश को समर्पित है ....

    विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ किलिक करें


    किसी शायर ने कहा है, कि- " बादल हो तो बरसों कभी बेआब जमीं पर, खुशबू हो अगर तुम तो बिखर क्यूँ नहीं जाते !!" ब्लोगोत्सव की २०० से ज्यादा प्रस्तुतियों से एक श्रेष्ठ प्रस्तुति का चयन आसान नहीं था .....
    ब्लोगोत्सव की टीम इस दिशा में लगातार माथापच्ची करती रही और अंतत: इस निष्कर्ष पर पहुंची कि कैप्टन मृगांक नंदन और उनकी टीम के द्वारा प्रस्तुत देश भक्ति की भावना से ओतप्रोत विडिओ प्रस्तुति को ही वर्ष की श्रेष्ठ प्रस्तुति की संज्ञा दी जाए ......!

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    ब्लोगोत्सव-२०१० पर अवश्य पढ़ें-
    सितारों की महफ़िल में आज खुशबू, अपराजिता और इशिता

    सितारों की महफ़िल में आज मृगांक नंदन

    आप शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो उसी पोस्‍ट के लिंक पर क्लिक करके परिकल्‍पना ब्‍लॉगोत्‍सव 2010 की संबंधित पोस्‍ट पर ही देंगे तो पाने वाले और देने वाले - दोनों को भला लगेगा। यह भलापन कायम रहे।

    1 टिप्पणी:

    1. बादल हो तो बरसों कभी बेआब जमीं पर, खुशबू हो अगर तुम तो बिखर क्यूँ नहीं जाते !! ....आपका प्रयास सराहनीय है !!

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