आनन्दवन पथमेडा मॅ गौ वत्स पाठ्शाला का आयोजन
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युवाऑ के सर्वांगिण विकास और उनमॅ आध्यात्मिकता और गौसेवा के भाव विकसित करने के लिये श्री गोधाम महातीर्थ आनन्दवन पथमेडा मॅ हो रहा हैं गौ वत्स पाठ्शाला का आयोजन
विश्व मॅ पहली बार नवाचार करके युवाऑ को भारतीय संस्कृति एवम उसमे गौमाता के महत्व और उपादेयता और आवश्यकता के बारे मॅ जानकारी देने के साथ साथ उनका संस्कारयुक्त सर्वांगिण विकास करने के उद्देश्य से दिनाक 17 से 21 जून 2010 तक परम भागवत गौऋषि पूज्य स्वामी श्रीदतशरणानन्द्जी महाराज की पावन प्रेरणा एवम परम पूज्य मलूक पीठाधीश्वर द्वाराचार्य श्री राजेन्द्रदास जी महाराज ( वृन्दावन धाम ) के पावन सानिध्य एवं मार्गदर्शन मॆ पथमेडा मॅ आयोजित किया जा रहा है! इस कार्यक्रम मॆ युवा साथियो के लिये विभिन्न कार्यक्रम होंगे! ज़िसमे प्रतिदिन परम पुज्य संत श्री गोपालमणिजी महाराज द्वारा “गौ महिमा” पर प्रवचन, परम पूज्य प. श्री विजयशंकरजी मेहता द्वारा विशेष प्रवचन (महाभारत, रामायण व ग़ौ भक्ति) के अतिरिक्त भगवान श्री कृष्ण की अद्भुत झांकियॉ के दर्शन के साथ महाराष्ट्र के वारकरी वैष्णव भक्तो द्वारा नृत्यमय भजन गायन व वादन और श्री गोविन्द जी भार्गव (कानपुर निवासी) अपनी मधुर वाणी मॅ भजन संध्या मॆ प्रस्तुतिया देंगे ! इन सबके अतिरिक्त समस्त युवाओ को परम पुज्य बाल व्यास श्री राधाकृष्णजी महाराज का पूर्ण सानिध्य प्राप्त होगा
पथमेडा एक परिचय
आनंदवन पथमेड़ा भारत देश की वह पावन व मनोरम भूमि है जिसे भगवान श्री कृष्ण् ने कुरूक्षेत्र से द्वारिका जाते समय श्रावण,भादो महिने में रूककर वृन्दावन से लायी हुई भूमण्डल की सर्वाधिक दुधारू, जुझारू, साहसी, शौर्यवान, सौम्यवान, ब्रह्मस्वरूपा गायों के चरने व विचरने के लिए चुना था। गत 12 शताब्दियों से कामधेनु, कपिला, सुरभि की संतान गोवंश पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिये सन् 1993 मे राष्ट्रव्यापी रचनात्मक गोसेवा महाभियान का प्रारम्भ इसी स्थान से हुआ है।
जिसके अन्तर्गत सर्वप्रथम श्री गोपाल गोवर्धन गोशाला श्री गोधाम महातीर्थ की स्थापना कर पश्चिमी राजस्थान एवं उतर पश्चिमी गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में गोसेवा आश्रमों, गोसंरक्षण केन्द्रों तथा गोसेवा शिविरों की स्थापना करना प्रारम्भ किया। इस अभियान द्वारा गोपालक किसानों तथा धर्मात्मा सज्जनों के माध्यम से गोग्रास संग्रहित करके गोसेवा आश्रमों में आश्रित गोवंश के प्राण पोषण का निरन्तर प्रयास प्रारम्भ हुआ। उपरोक्त महाभियान के प्रथम चरण में क्रूर कसाइयों के चंगुल से तथा भयंकर अकाल की पीड़ा से पीड़ित लाखों गोवंश के प्राणों को संरक्षण मिल सका।
श्री गोधाम महातीर्थ की स्थापना से लेकर आजतक अत 17 वर्शो में श्री गोधाम पथमेड़ा द्वारा स्थापित एवं संचालित विभिन्न गोसेवाश्रमों में आश्रय पाने वाले गोवंश की संख्या क्रमशः इस प्रकार रही है-सन् 1993 में 8 गाय से शुभारम्भ सन् 1999 में 90000 गोवंश सन् 2000 में 90700 गोवंश सन् 2001 में 126000 गोवंश सन् 2003 में 284000 गोवंश सन् 2004 में 54000 गोवंश सन् 2005 में 97000 गोवंश सन् 2009 में 72000 हजार इस प्रकार लगातार चलते हुए वर्तमान सन् 2010 में 200000 से अधिक गोवंश सेवा में है जो की अकाल की विभीशिका के चलते बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही प्रदेश के विभिन्न भागों में अस्थाई गोसेवा अकाल राहत शिविरों में लाखों गोवंश को आश्रय देने का कार्य प्रारम्भ हो गया है।
पथमेडा पहुंचने के लिये अहमबाद और जोधपुर से प्रत्येक घंटे रोड्वेज और प्राइवेट बसे सांचोर के लिये चलती है ( सांचोर से पथमेडा मात्र 10 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है और साधन उपलब्ध है)
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें 9414152163, 9414131008 02979-287102, 287122
या मेल करे mail@pathmedagodarshan.org, या www.pathmedagodarshan.org देखे
सूचना द्वारा
तरूण जोशी “नारद” (स्वतंत्र लेखक एव कवि )
9462274522, 9251941999 tdjoshi_narad@yahoo.co.in, model-hunter@in.com
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गौ माता के दर्शन और गौ वंश संवर्धन के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकार दिल बाग़ बाग़ कर रहा है... साधुवाद...तरुण ji!
जवाब देंहटाएंजानकारी देने के लिए आभार!
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गौ-माता की जय!
आने का प्रयास अवश्य करे
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