(उपदेश सक्सेना)
संजय दत्त ने मुन्नाभाई एमबीबीएस में हिंदुस्तानियों को कुछ नए शब्द दिये हैं. एक है-जादू की झप्पी, हमारे यहाँ किसी के स्वागत में उससे गले मिलने की रवायत पुरानी है, अब विज्ञान ने इस बात पर अपनी मुहर लगाई है कि इस तरह से दी गई जादू की झप्पी काफी रहस्यमयी है.कहने को यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, मगर नई शोध में पता चला है कि किसी को गले लगाने से रक्त में हीमोग्लोबीन की मात्रा बढ़ जाती है, इस कारण उत्तकों में आक्सीज़न का संचार बढ़ जाता हैऔर शरीर को नई ऊर्जा मिलती है. मुन्नाभाई की जादू की झप्पी या गले लगाना प्यार की अभिव्यक्ति का एक माध्यम है जो दिल से दिल को जोड़ता है साथ ही इस प्रक्रिया में भावनात्मक सुरक्षा का अहसास भी होता है. विषय विशेषज्ञ बताते हैं कि गले लगाने का असर इस क्रिया के तरीके पर निर्भर करता है, किसी को ज़्यादा कसकर गले लगाने से यह सन्देश जाता है कि आप उसकी परवाह करते हैं. गले लगाना एक-दूसरे से लगाव और जुड़ाव को प्रदर्शित करने का एक बहुत अच्छा ज़रिया है.वैसे यह करिश्मा स्पर्श का होता है. शोधकर्ता बताते हैं कि हमें यह याद रखना चाहिए की हमारी त्वचा बेहद संवेदनशील होती है, सर से पैर तक शरीर में हर इंच की दूरी पर स्पर्श का असर बदल जाता है. वैसे यह भी एक बड़ी सच्चाई है कि इंसान ज़मीन पर पैर बाद में रखता है,गले लगाने का मतलब पहले समझ जाता है. तो समझे आप-गले लगें, गले पड़ें नहीं.
झप्पी से जुड़ते हैं दिल
Posted on by उपदेश सक्सेना in
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वैज्ञानिकों को भी नमस्ते जी
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