जल की कीमत समझ ले....................
Posted on by डॉ० डंडा लखनवी in
तीन दोहे
-डॉ० डंडा लखनवी
जल की कीमत समझ ले, जलका कर तू मान।
जल नैनों का अश्रु है, अधरों की मुसकान॥
केवल जलचर ही नहीं, भू - नभ चर जल - हाथ।
जलपर आश्रित हैं सभी, जल बिन विश्व अनाथ॥
जल ही जगका सार है, बिन जल जगत असार।
तड़पेगा जल हानिकर, भस्मासुर संसार॥
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teeno hi badhiya...
जवाब देंहटाएंआपके दोहों के साथ रहीम कवि का दोहा याद आया रहिमन पानी राखिये...
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुती /
जवाब देंहटाएंvery true
जवाब देंहटाएंwe have to understand this
badiya dohe hain...
जवाब देंहटाएंजलजला ने माफी मांगी http://nukkadh.blogspot.com/2010/05/blog-post_601.html और जलजला गुजर गया।
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