किसी उपनिषद की तरह है यह परिकल्पना

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  • रवीन्द्र प्रभात
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  • आज दिनांक 30.04.2010 को ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत प्रकाशित पोस्ट का लिंक

    किसी उपनिषद की तरह है यह परिकल्पना :
    इमरोज़ http://www.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_9889.html

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    ब्लोगोत्सव-२०१० : ग्यारह बजे भी बिस्तर छोडे तो क्या फर्क पड़ जायेगा? http://www.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_1961.html

    ब्लोगोत्सव-२०१० : ये बेचारा हृदय की जन्मजात् बीमारी की वज़ह से नीला पड़ चुका है http://www.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_1707.html

    ब्लोगोत्सव-२०१० : क्या वह भौतिक पदार्थों के मोह से ऊपर उठ चुका है ? http://www.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_30.html

    ब्लोगोत्सव-२०१० : आपको इंतज़ार था, लीजिये आ गए .........! http://www.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_7519.html

    ब्लोगोत्सव-२०१० : आज का दिन कुछ ख़ास है
    http://www.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_29.html

    जड़ से विच्छिन्न लेखन की आयु बहुत छोटी होती है : श्री कृष्ण बिहारी मिश्र http://utsav.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_30.html

    श्रीमती सरस्वती प्रसाद की कहानी : मूढीवाला
    http://utsav.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_785.html

    निर्मला कपिला जी की कहानी : सच्ची
    साधना http://utsav.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_8754.html

    श्री रवि रतलामी की कहानी :आशा ही जीवन है
    http://utsav.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_6375.html

    रश्मि रविजा की कहानी : http://utsav.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_2218.html

    शमा की कहानी : नीले पीले फूल
    http://utsav.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_8613.html

    विज्ञान कथा : वेदों में वर्णित सोम की नई दावेदारी : ‘यार सा गुम्बा’ http://utsav.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_7958.html

    हमें गर्व है हिंदी के इन प्रहरियों पर -1
    http://shabd.parikalpnaa.com/2010/04/1.html

    2 टिप्‍पणियां:

    1. साधुवाद इस तरह के सार्थक प्रयास को
      बेशक उत्सव की तरह है परिकल्पना

      जवाब देंहटाएं
    2. यह उत्सव उस सोपान को प्राप्त कर लिया हैं जहां हर किसी की परिकल्पना नहीं पहुँचती है .....शुभकामनाओं के साथ !

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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