अब सुषमा ने साधा आडवाणी पर निशाना
उमा के मामले में खोला सुषमा ने मुंह
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली 16 अप्रेल। राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन के पीएम इन वेटिंग लाल कृष्ण आडवाणी की उमा भारती को भाजपा में वापस लाने की कवायद को लोकसभा में उनकी सक्सेसर नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने पलीता लगा दिया है। पिछले दिनों जयपुर में भाजपा के स्थापना दिवस समारोह में सुषमा स्वराज के बयान को पार्टी आलाकमान गम्भीरता से ले रहा है। सुषमा ने कहा था कि भाजपा में अनुशासनहीनता बढती ही जा रही है, जो चिन्तनीय है।
स्थापना दिवस समारोह में शिरकत करते हुए कहा कि 1980 में अपनी स्थापना के साथ भारतीय जनता पार्टी ने अनेक आयाम तय किए हैं। भाजपा पर देश की जनता ने भरोसा जताया और भाजपा ने केन्द्र में लगातार छ: साल शासन किया। इतना ही नहीं वर्तमान में छ: सूबों में भाजपा की सरकार काबिज है, तो तीन राज्यों में प्रमुख विपक्षी दल है। केन्द्र में भाजपा प्रमुख विपक्षी दल की हैसियत से है। सुषमा का मानना था कि सत्ता में रहने के साथ ही साथ भाजपा में कदाचरण आया है साथ ही अनुशासन में कमी हुई है, जिसे स्वीकार करने में किसी को गुरेज नहीं होना चाहिए।
इसी दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमन्त्री उमा भारती की भाजपा में वापसी को नकारते हुए कहा कि भाजपा में किसी भी स्तर पर इस तरह की चर्चा नहीं चल रही है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सुषमा स्वराज के बयान को पार्टी आलाकमान बहुत ही गम्भीरता से ले रहा है। शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि उमा भारती का मामला बहुत ही संवेदनशील है, और अगर सुषमा स्वराज ने कोई बयान दे दिया है, तो अब उमा भारती की जल्द वापसी के ताने बाने को कुछ दिन के लिए स्थगित कर दिया जाए, क्योंकि सुषमा स्वराज जमीन से जुडी कद्दावर नेता हैं।
जानकारों का मानना है कि अनुशासनहीनता की बात कहकर इसे स्वीकार करने की नसीहत दे सुषमा स्वराज ने परोक्ष तौर पर एल.के.आडवाणी पर निशाना साधा है। राजधानी की सियासी फिजाओं में यह चर्चा तेजी से चल रही है कि सुषमा स्वराज के सधे कदम और रणनीति को देखकर राजग के पीएम इन वेटिंग एल.के.आडवाणी को लगने लगा है कि आने वाले लोकसभा चुनावों में उनके बजाए सुषमा स्वराज को ही आगे किया जाएगा, इस तरह उनका 7 रेसकोर्स रोड (प्रधानमन्त्री का सरकारी आवास) जाने का सपना उन्हें धूल धुसारित होता दिख रहा है।
चर्चाओं के अनुसार आडवाणी की कीर्तन मण्डली यह चाह रही है कि किसी भी तरह उमा भारती को भाजपा में प्रवेश मिल जाए और फिर यह मण्डली उमा भारती को पार्टी के अन्दर ही सुषमा स्वराज की काट बनाकर खडा कर दें, ताकि सुषमा इसमें उलझी रहें और आडवाणी को 2013 में होने वाले चुनावों में एक बार फिर जोर आजमाने का मौका मिल सके। कहा जा रहा है कि स्थिति परिस्थिति को भांपकर सुषमा स्वराज ने अब परोक्ष तौर पर अपनी बात कहकर आडवाणी के गुब्बारे की हवा निकाल दी है। गडकरी के करीबी सूत्रों का कहना है कि उमा भारती की वापसी अब जल्द सम्भव नहीं दिख रही है। उधर पार्टी में वापसी में देरी को देखकर उमा भारती का फटना स्वाभाविक ही माना जा रहा है। भाजपा में चल रही चर्चाओं के अनुसार अगर भारती को जल्द ही वापस नहीं बुलाया गया तो वे पानी पी पी कर एक बार फिर भाजपाईयों को कोसने से बाज नहीं आने वालीं।
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