ब्लाग-प्रहरी पर ट्रैफ़िक तेज़ी से बढ रहा है पर वहां पर जाम नहीं लगेगा और परिकल्‍पना ब्‍लॉगोत्‍सव 2010 का भी खूब शोर है (अविनाश वाचस्‍पति)



ब्‍लॉग प्रहरी पर बढ़ता यातायात मन को सुकून दे रहा है। यह एक ऐसा मंच है जैसा कि सभी हिन्‍दी ब्‍लॉगर चाह रहे थे। कोई पसंद का चटका नहीं और नापसंद का झटका भी नहीं। जो सार्थक है वही रहेगा और जम कर रहेगा। निरर्थक टिकेगा ही नहीं। उस पर गौर करने की भी जरूरत नहीं है।

जिन मुद्दों पर ध्‍यान दिया जाना चाहिए उन पर हिन्‍दी ब्‍लॉगर अपनी राय रोजाना दे रहे हैं। इससे ही ब्‍लॉग प्रहरी की अनिवार्यता का अहसास होता है। ब्‍लॉग प्रहरी पर बढ़ता यातायात आपको परेशान नहीं करेगा। इसका भरपूर विश्‍वास है। जहां भरोसा है वहां पर कोई उस जैसा भरोसे से बढ़कर हो ही नहीं सकता है।

और भी जो सब आप चाहते हैं। बतलायें ई मेल करें। ब्‍लॉग प्रहरी को हिन्‍दी ब्‍लॉगरों और ब्‍लॉगिरी के अनुकूल बनाया जा रहा है इसमें आपकी राय महत्‍वपूर्ण है। आप स्‍वयं तो जुड़ ही रहे हैं इससे सबको जोड़ने का दायित्‍व आपका भी है। यह किसी एक का नहीं हम सब हिन्‍दी ब्‍लॉगरों का साझा मंच है।

किसी भी प्रकार के सुझाव, समस्‍या, समाधान के लिए आप नि:संकोच कनिष्‍क कश्‍यप जी से संपर्क कर सकते हैं। उनकी मेल आई डी greatkanishka@gmail.com है।

परिकल्‍पना ब्‍लॉगोत्‍सव 2010 को जिस प्रकार भारी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं उसके लिए हम आपके आभारी इसलिए नहीं हैं क्‍योंकि यह भार भी आपका ही है और अपने भार के लिए आभारी नहीं हुआ जाता बल्कि अपनी समूची तैयारियों के साथ जुटा जाता है और आप सब जुटे हुए हैं। यह आपका अपनापन स्‍पष्‍ट परिलक्षित हो रहा है। यातायात इस उत्‍सव में भी भरपूर है इसलिए हर सच्‍चे और अच्‍छे कार्य निर्विवाद तौर पर सफलता को अर्जित करते हैं।

अगर आपने अभी तक उत्‍सव के लिए अपनी रचनाएं नहीं भेजी हैं तो अब देरी न करें और रवीन्‍द्र प्रभात जी की ई मेल आई डी ravindra.prabhat@gmail.com पर बेआलस भेज दें।

मेरा मानना है कि हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग के स्‍वर्णिम काल का सफर आरंभ हो गया है और हम सब इसके साक्षी हैं तथा इससे जुड़े हुए भी हैं।

6 टिप्‍पणियां:

  1. कनिष्क प्रतिभावान हैं ...मेरी हार्दिक शुभकामनायें !

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  2. श्रविन्द्र नहीं श्री रवीन्द्र - ठीक कीजिए।

    _________________________
    एक अनुरोध - कम से कम एक ढंग का अंग्रेजी ब्लाग जरूर पढ़िए।

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  3. @ बेनामी

    गलती चाहे टाइपिंग की निकली
    पर एक-एक शब्‍द पढ़ा तो गया
    निगाह सरसरी नहीं है बेनामी की
    नेकनामी तक जाती है राह यह


    मैं तो रविन्‍द्र ही लिख रहा हूं
    काफी समय से पर अभी देखा है
    पूरे ध्‍यान से तो पाया है रवीन्‍द्र

    इसे भी करता हूं दुरुस्‍त
    इसे यानी अपनी गलती को
    छोड़ूंगा नहीं इसे जरूर करूंगा
    गलती है मेरी मानूंगा अवश्‍य
    अब तो बेनामी भी चाहिए मुझे

    मुझे पसंद हैं वही जो बताते हैं
    कमियां जिससे सुधर सकता हूं
    मैं क्‍या कोई भी सदा ही
    पर जिन्‍हें कमियां सुनना
    अच्‍छी नहीं लगता
    उनमें से मैं हूं नहीं

    जानूंगा नहीं तो सुधरूंगा कैसे
    गलतियां तो जरूर करूंगा
    आखिर इंसान हूं मैं।

    जो अंग्रेजी ब्‍लॉग आप चाहते हैं पढ़वाना

    उसका लिंक जरूर मुझ तक भिजवाना।

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  4. प्रिय कश्यप जी,आप में गज़ब का उत्साह है.इस नेक और आवश्यक काम को मेरा सहयोग भी और शुभ कामनाएं भी.रचनाएँ भी भेजूंगा .आप को और अविनाश को बधाई.

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  5. कनिष्‍क कश्‍यप जी और रविन्‍द्र प्रभात जी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं !!

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  6. हम भी हैं जोश में…तुम भी हो जोश में…..कदम ताल……लेफ्ट-राईट-लेफ्ट…..लेफ्ट-राईट-लेफ्ट….सावधान… विश्राम …….. लेफ्ट-राईट-लेफ्ट…..लेफ्ट-राईट-लेफ्ट…….

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