मूर्खता का महीना और गधा करे शोर (अविनाश वाचस्‍पति)

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • शुरू हुआ है देखो अभी
    बीतता भी नहीं है कभी
    बीत जाएगा तब भी
    रीतेगा नहीं कभी
    रीतने पर भी कोई
    जीतेगा क्‍या कभी ?



    करना है इमेज पर क्लिक
    मेज पर नहीं ठकठकाना है
    और पढ़ जाना है
    मजा न आएगा
    गारंटी इसकी भी है

    देखिए फैशन के दौर में
    दे रहे हैं गारंटी
    इससे अधिक नहीं बजा सकते
    हम किसी भी मंदिर की घंटी।
    सोपानstep मासिक के सौजन्‍य से।

    9 टिप्‍पणियां:

    1. मूर्खता सात्विक गुण है
      अप्रैल का महीने का असर है कि
      इस महीने मे बने हुए लोग भी
      बनाने के फिराक मे लगे रहते हैं

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    2. बढ़िया आलेख रहा.

      आभार पढ़वाने का.

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    3. वो घबराये जो समझदार हो ....
      मूर्ख को कोई क्या कह के मूर्ख बनाएगा ...
      इसलिए निश्चिंत हैं ... फिकर नॉट ...:)

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    4. वाणी की टिप्पणी मेरी भी मानी जाय....
      हम तो मूर्खाधिराज्ञी
      हाँ नहीं तो...!!

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    5. "मूर्ख की सबसे बड़ी पहचान की वह खुद को बुद्धिमान समझे और बाकी सबको मूर्ख..."..बस यह कहकर तो आपने सबकुछ कह दिया....बढ़िया आलेख

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    6. avinaash ji

      kya kahe ........sabse jyaada khushi ki baat to yahi hai ki ,moorkh bane rahe ..zindagi acchi katti hai ....

      vijay

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    7. हा... हा... हा... बुद्धिमान दिवस... बहुत खूब ......

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    8. सुंदर अतिसुन्दर!। यह आलेख हमारे साथ बाटने के लिए हार्दिक धन्यवाद । इसके लिए सदैव आपका आभारी रहूँगा।

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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