- अरविन्द मिश्रा - मन ऊबा मेरा यार फकीरी से
- अजय कुमार झा - हमको ऐसा वैसा ना समझो हम बड़े काम की चीज़ ..
- अनूप शुक्ल - मैं तो ऐसा करुँ धमाल , सीधी हो जाये तेरी चाल ....
- विवेक सिंह -जिनके लड़िका समरथ हुइगे उनका कौन पडी परवाह ...
- डॉ टी एस दराल - डाक्टर विद गोल्डेन हार्ट
- डॉ अमर ज्योति - एक तकलीफ अपने दिल में लिए फिरता हूँ ....
- राकेश खंडेलवाल- देख कर आधुनिक गीतकारों को हम, सिर को धुनते रहे शारदा के लिए ...
- रचना - बहिना मेरी ! राखी के बंधन को निभाना
- मसिजीवी- कागदु कालपी को लई लीनो , अपनों कलमदानु लई हांत
! - ताऊ रामपुरिया - भैस बियाई गढ़ ब्लॉगर में ताऊ तुझे खबर है नाय !
- मिथिलेश दुबे- नयी उम्र की फ्रेश फसल
- शहरोज- साहिल के तमाशाई हर डूबने वाले पर, अफ़सोस तो करते हैं इमदाद नहीं करते !
- ज्ञानदत्त पाण्डेय - छोरा गंगा किनारे वाला ....
- दिनेश राय द्विवेदी - मजबूत तराजू
- सुमन - तेरा हुस्न अल्ला अल्ला तेरा रूप राम राम ..
- सुरेश यादव - साला मैं तो साहब बन गया ..
- समीर लाल - मैं जहाँ चला जाऊं ,बहार चली आये , महक जाएँ राहों के फूल ...
- अविनाश वाचस्पति - मस्त साहित्य
- लवली कुमारी - कुछ अलग बात है हममे
- डॉ कविता वाचकनवी : कविता नहीं प्रेरणा जिसकी, गीत नहीं भाषा है दिल की ..
- महफूज़ अली - किसी की चौखट पर अरमान लुटाने का दिल करता है !
- इस्मत जैदी - मेरे देश की बच्ची ..
- अनिल पुसाद्कर : गरीब धरती पर अमीर लोगों की चिंता करते अनिल ...
- दिगंबर नसवा -निर्विकार दिगंबर
- आशा जोगलेकर -दूर बैठी स्वप्निल स्वप्नरंजिता
- सरवत जमाल -एक शायर - हाथ फैलाये खड़े थे दोनों ही फूटपाथ पर , चीथड़ों में एक था और दूसरा वर्दी में था !
- खुशदीप सहगल - मस्त प्रोडयूसर
- राज भाटिया - पराये देश में बैठा हमारे ताऊ का पार्टनर !
- विनीत कुमार - गंभीर बच्चा
- राजीव तनेजा - होली की मस्ती में प्यारे
- संगीता पुरी : हिम्मती कलम
- सतीश सक्सेना - कबिरा खड़ा बाज़ार में माँगे सबकी खैर / ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर !डॉ कविता वाचक्नवी
डॉ कविता वाचक्नवी ने मुझे भी इस होली में शामिल किया है , यकीनन मैं गौरवान्वित हूँ और उनका आभारी हूँ लगता है अब होली ही होली !
होली पर जो बुरा माने वह खुद बुरा
जवाब देंहटाएंहम तो बुरा मान बैठे क्या कल्लेंगे जी! इत्ते -इत्ते धांसू टाइटिल देकर डाल दिये। हमारे देने के लिये कुछ छोड़ा ही नहीं! बहुत नाइन्साफ़ी है!
जवाब देंहटाएंजय हो! अब आपके लिये भी कुछ रिटर्न गिफ़्ट खोजते हैं!
waah khoob rahi..
जवाब देंहटाएंआप सभी को ईद-मिलादुन-नबी और होली की ढेरों शुभ-कामनाएं!!
इस मौके पर होरी खेलूं कहकर बिस्मिल्लाह ज़रूर पढ़ें.
बुरा मानने की तो बात है ही। सतीश सक्सेना जी को क्यों बख़्श दिया?:)
जवाब देंहटाएंआप सभी को होली की रंग भरी शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंhappy holi.
जवाब देंहटाएंवह वाह .. बहुत खूब .... बहुत कठिन कार्य किया है आपने .. कुछ शब्दों में ब्लॉगेर को बयान करना .........
जवाब देंहटाएंआपको और आपके समस्त परिवार को होली की शुभ-कामनाएँ ...
बहुतखूब जी बहुतखूब ।
जवाब देंहटाएंक्या कलम आपकी डोली है ॥
बुरा हम भला कैसे मानें ।
मुँह में मीठी गोली है ॥
अविनाश जी , बहुत खूब , दो दिन पहले ही तो हम शिखा जी की होली की तरंग और भंग के रंग में सराबोर हो गए थे कि अब आपने भी होली की मस्ती में अपने हाथ रंग दिए । चलिए ये चंद लाइनें आपके लिए.................
जवाब देंहटाएंमैं बंदा हूं कमाल का ,
इधर - उधर सबकी खबर रखता हूं,
पर क्या करूं सामने वाला-
मुझे नजर आता नहीं.......
.....बुरा न मानो होली है ..
.....ये ब्लॉगरों की टोली है
जो यहां आएगा ,
रंगों से सराबोर हो जाएगा....
होली है भई होली है
बुरा न मानो होली है .....
सपरिवार आपको होली की बहुत - बहुत शुभकामनाएं.....होली के रंग आपके जीवन को रंगों से भर दे इन्हीं कामनाओं के साथ ....
@ शशि सिंहल
जवाब देंहटाएंयह कमाल तो सतीश जी का है
मैं तो जब कहता हूं अपनी रौ
में बहता हूं
यहां आयेंगी तो मेरा लिखा पायेंगी
http://avinashvachaspati.blogspot.com/2010/02/blog-post_27.html
पर नुक्कड़ वाले अपने हैं
सच हो रहे अब सपने हैं।
सतीश भाई,
जवाब देंहटाएंशुक्र है आपका मुझे मस्त प्रोड्यूसर कहने में वो मतलब नहीं था जिसकी वजह से देश की आबादी सवा अरब से पार हो चली है...अगर संजय गांधी के टाइम में आपने मुझे ये टाइटल दिया होता तो मेरा क्या हाल होता, सोच कर ही कांप रहा हूं...
आपको व परिवार के समस्त सदस्यों को होली की शुभकामनाएं...
जय हिंद...
होली की पिचकारी की कैसी कैसी धार
जवाब देंहटाएंनुक्कड़ पर मार रयो सक्सेना सरकार
होली की रंगारंग शुभकामनाएं
होली की आप को ओर आप के परिवार को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जी
बुरा काहे न माने सतीश जी, बुरा मानने के ऐ ही तो दो दिन हैं। गाली भी दें किसी को तो सर से गुजर जा रही है। जिस को मानना है अबही मान ले बुरा।
जवाब देंहटाएंहा हा!! मजेदार..और मस्ती के रंग में सारोबार!!
जवाब देंहटाएंआनन्द आ गया!
ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
ब्लॉगजगत् में अभी तक होली पर इस उपाधि अलंकरण की कमी साला करती थी, इस बार तो प्रचलन का सूत्रपात हो गया है...
जवाब देंहटाएंवैसे आपने खूब सर्जनात्मक ढंग से उपाधियाँ दी हैं... सब के अलंकरण पढ कर आनन्द तो आ गया पर अधूरा लग रहा है, जब तक सतीश जी स्वयं इसमें नहीं हैं।
हमारी चेष्टा को पोस्ट में समाहित माना जाए -
"सतीश सक्सेना - कबिरा खड़ा बाज़ार में माँगे सबकी खैर / ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर "
सभी पदवीधारकों सहित ब्लॊगजगत को होली की शुभकामनाएँ!
@ डॉ कविता वाचकनवी ,
जवाब देंहटाएंहोली पर आकर सुझाव देने के लिए आभारी हूँ ! पोस्ट को संशोधित कर आपका आदेश पूरा कर दिया गया है !
होली और मिलाद उन नबी की आपको शुभकामनायें
अच्छा लगा ..पढ़ कर ...
जवाब देंहटाएं"अनूप शुक्ल - मैं तो ऐसा करुँ धमाल , सीधी हो जाये तेरी चाल ..."
:-D :-D
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होली और मिलाद उन नबी की शुभकामनायें.
ओतेरे कि यहां तो उपाधि बंट ली और हमें अब जाके खबर हुई है ..हाय अपना वाल लपेट कर रख लूं ..जाने कब कब काम आएगा ..हा हा हा ..बुरा मान लो ..जिनको मानना है ..फ़िर भी तो कहना ही पडेगा कि ...होली है है भी होली है ...है न ...:) :) :) :) :) :) :) //अब ये ससुर स्माईली भी लैटिनिया जाएंगे इस टीप के साथ ...देखिए
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
हा हा हा ! सतीश जी , सबकी खबर ले ली।
जवाब देंहटाएंभेद भाव को भूलकर , सब मीठी बोलें बोली
जेम्स, जावेद, श्याम और संता , सब मिलकर खेलें होली।
ईद और होली की मुबारक।
मस्त साहित्य
जवाब देंहटाएंन करे त्रस्त
बूढ़े बच्चे न जाएं अन्यत्र
उम्र की इसमें नहीं है सीमा
रंजन भी इसका नहीं धीमा
होली है सब प्रेम की बोली है।
वाह सतीश भईया आपका ये अन्दाज देखकर मजा आ गया ।
जवाब देंहटाएंआप ने पुराने विद्यार्थी जीवन के दिन याद दिला दिए जब एक लोकल अखवार में होली के दिन ऐसी डिग्रियां चर्चा में होती थीं.होली पर आप सभी साथियों को हार्दिक शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया उपाधि दिए हो सबको ...होली की बहुत-बहुत शभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंइस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना.. के ताउम्र ना छूटे..
जवाब देंहटाएंना हिन्दू पहिचाना जाये ना मुसलमाँ.. ऐसा रंग लगाना..
लहू का रंग तो अन्दर ही रह जाता है.. जब तक पहचाना जाये सड़कों पे बह जाता है..
कोई बाहर का पक्का रंग लगाना..
के बस इंसां पहचाना जाये.. ना हिन्दू पहचाना जाये..
ना मुसलमाँ पहचाना जाये.. बस इंसां पहचाना जाये..
इस बार.. ऐसा रंग लगाना...
(और आज पहली बार ब्लॉग पर बुला रहा हूँ.. शायद आपकी भी टांग खींची हो मैंने होली में..)
होली की उतनी शुभ कामनाएं जितनी मैंने और आपने मिलके भी ना बांटी हों...
होली की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंHappy holi........
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया .. होली की शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंमज़ेदार टाईटिल दिए हैं दोस्त मगर बहुत से ब्लोगर छूट गए .............
जवाब देंहटाएंnice
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