साधक उम्मेद सिंह जी और प्रशांत उर्फ़ पीडी से एक छोटी सी मुलाकात चैन्नई में

आज की मुलाकात का विवरण बाद में, केवल एक फ़ोटो देखिये ..

 

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साधक उम्मेद सिंह जी की कलम इस मुलाकात के लिये -

प्यारी सी यह सुबह, सार्थक भी लगती कुछ ज्यादा.

विवेक के संग प्रशान्त पाया, लिये अर्थ तात्विक सा.

लिये अर्थ तात्विक सा, चर्चा खुद की और जगत की.

ब्लाग पे क्या लिखते, क्यों लिखते? सारी बातें मन की.

कह साधक यह मुलाकात तीनों को याद रहेगी.

सार्थक भी लगती कुछ ज्यादा, यह सुबह प्यारी सी.

10 टिप्‍पणियां:

  1. आप तीनों को ही नहीं
    याद हमें भी रहेगी
    आपने ही तो हमें
    सुबह उठाया है
    आप मिले हैं
    हमें मिलाया है
    इस अवसर को
    किसी ने नहीं गंवाया है
    मुझे मालूम है
    बहुत कुछ सीखा है
    और सब कुछ सिखाया है
    पर यह सामने कौन हैं
    जिनके सामने सब मौन हैं
    सिर्फ कमरा नहीं है
    सिर्फ कैमरा नहीं है
    कैमरे का लैंस ही नहीं है
    एक खींचने वाला भी है
    उसे भी तो सामने लाते
    उसकी एक फोटो भी तो दिखाते
    कैमरामैन को ब्‍लॉगर बनाते
    पर जो भी किया है
    मिले हैं मिलाया है
    हमको तो सब भाया है।

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  2. हा विवेक रात को आप बता रहे थे और सवेरे हम उठे तो समाचार भी मिल गया कि मिल लिये.
    दिल मिले दिलदार मिले ब्लोग पर उनके फोटो भी मिले.

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  3. कैमरा पीडी का था जो कि आटोमेटिक था,
    कैमरामेन पीडी का कैमरा खुद था,

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  4. यह सब ब्लॉग जगत की माया है..यह एक परिवार जैसा जो बन गया है...

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  5. चलिये मुलाक़ात तो हो गयी बधाई

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