बीमा कराया है आपने
लिखी हैं बीमे पर कवितायें
वैसे बीमा कराने की जरूरत
तो कवितायें सुनने वाले को होती है
पर कवि भी आजकल करवाते हैं बीमा
इतने श्रोता नहीं हुए तो
इतनी क्षतिपूर्ति करेगी बीमा कंपनी
क्षतिपूर्ति में नकद नहीं देगी
श्रोता उपलब्ध करवायेगी कई हजार
देने होंगे सिर्फ कुछ सौ रुपये।
ऐसी और इससे ज्यादा
ऐसी और तैसी करती कवितायें
बीमा कराने को
बीमा नामांकन पर
बीमा प्रीमियम पर
और बीमा भुगतान पर
नई तान छेडि़ये
कवितायें लिखिये बीमा पर
और भेजिए
tetaalaaa@gmail.com पर
एक सुनहरा अवसर आपकी
प्रतीक्षा में है
और हम आपकी कविताओं के
इंतजार में है
समय सीमा
इसके प्रकाशन के सात दिन के भीतर।
आप इस ई मेल को कर दीजिए
अपनी अच्छी अच्छी बीमा संबंधी
कविताओं से तरबतर
अपना बायोडाटा और चित्र भी भेजिएगा
पसंद आने, चयन किये जाने पर
पत्र-पुष्प का प्रावधान भी है
।
बीमा कराया है आपने, बीमा पर कवितायें लिखीं हैं आपने ... (अविनाश वाचस्पति)
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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बीमा पर कवितायें
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jarur kavitaye to bhejani hi padegi kaafi sambhavnaye hai beema par kavita ki...badhiya pryaas dhanywaad chacha ji
जवाब देंहटाएंकोशिश करेंगें जी!
जवाब देंहटाएंलगता है इस विषय पर भी
कलम चलवा ही देंगे आप!
बीमा और कविता
जवाब देंहटाएंअरे कैसी कविता लिखें
चौपाइया ,दोहे ,छंद ,सोरठे ,मुक्तक ,नज्म या गजल
कुछ तो बताने की कीजिये पहल
बीमा कम्पनी को हीरो बनाए या कवियों को
अगर आप कवि लोग नाराज न हो तो
हम सलाम करते है कम्पनी के हौसले को
और उसकी आत्मा की शान्ति के लिए
शुरू करते हैं
पंचकुंडीय महायज्ञ
क्योंकि कवि तो है
सर्वग्य
कोई बीमा कम्पनी खोलने का इरादा तो नहीं? टाइटल सांग ढूंढ रहे हों? या बीमा पर कोई फिल्मी आइटम सांग की तैयारी? जो भी हो सब्जेक्ट धांसू है। कविताओं के लिये भी और पढने के लिये भी। देखते हैं हमारे मगज़ में कुछ उपजता है या नहीं?
जवाब देंहटाएंआपने ई-मेल नहीं देखा लगता है।
जवाब देंहटाएंहमने तो भेज भी दिया है!
कविता में से आमंत्रण निकला
जवाब देंहटाएंऔर हो क्या सकता है इसे भला।
हम भी आएंगे
लेकर छोटा सा नजराना
मैं तो बीमा एजेन्ट बनने की सोच रहा हूं.
जवाब देंहटाएंबीमा पर कवितायेँ भी लिखी जा सकती है ....सोचा ही नहीं ....!!
जवाब देंहटाएंबीमा का विज्ञापन मुफ्त में हो गया .यह पढकर बीमा कम्पनी गदगद हो रही .मजेदार लगा शीर्षक .
जवाब देंहटाएंकोशिश करते हैं जनाब!
जवाब देंहटाएंबीमा पर कवितायेँ ..ये तो सच बडा नया टोपिक दिया जी........!!
जवाब देंहटाएंक्यूँ नहीं है आप का बीमा,
जवाब देंहटाएंकिसे पता है उम्र की सीमा!
जिस दिन कुछ भी उपर-नीचे
जीवन में हो जायेगा!
बीमा का निर्णय आपका
सुरक्षा कवच बन जायेगा!!
सारे रिश्ते-नाते झूठे,
कोई काम न आयेगा!
इस बीमा को सगा समझना,
काम आप के आयेगा!!
सुनो कमाना है आसान
पर बचा के रखना बड़ा कठिन!
आधुनिक जीवन का सच है ये,
करना होगा तुम्हे यकीन !!
इसीलिये परिवार के खातिर,
बीबी बच्चों को रखो ध्यान !
जीवन क्षण भंगुर है प्यारे,
नहीं करना कभी गुमान!!
रोके कभी नही रुक सकता ,
जीवन का तूफ़ान कोई!
आखिर सब इन्सान है जग में
नही यहाँ भगवान कोई!!
इसीलिये ऐ परिवार वालो,
बीमा बहुत जरूरी है!
मानो कहना बीमा ले लो
मत समझो मजबूरी है!!
जीवन है तो जोखिम है,
जवाब देंहटाएंजोखिम है तो बीमा है,
बीमा है तो सुरक्षा है,
सुरक्षा है तो विश्वास है,
विश्वास है तो सफलता है,
सफलता है तो प्रगति है,
प्रगति है तो जीवन है,
जीवन है तो जोखिम है,
जोखिम है तो बीमा है,
और बीमा, बहुत जरूरी है ।।
- मुकेश बनसोडे, न्यू इंडिया भोपाल 🌹🙏