अपनी विजय से बहुत प्रसन्न मन से चहक रहे हैं एम आई पंड्या जी। सबको मेल कर करके बतला रहे हैं कि उनको चोर बतलाने वाले उच्चारण ब्लॉग के मयंक जी के टिप्पणीकार साथी अविनाश वाचस्पति को मैंने गिरफ्तार करवा कर जेल में डलवा दिया है और बाकियों को लाईन में लगा रहा हूं। फोन भी कर रहे हैं। चार चार फोन उनके हाथ में हैं। अपने घर की दीवारों पर उन्होंने अपनी इस उपलब्धि को पोस्टरित करवा लिया है। पर्चे बंटवा रहे हैं और एक हेलीकॉप्टर भी किराए पर ले लिया है जिससे टनों के हिसाब से रंगीन पर संगीन पर्चे उड़वा रहे हैं। वे सभी पर्चे इस प्रकार अर्थ की ओर जा रहे हैं कि वे सीधे हिन्दी ब्लॉगरों के घर की छतों और दरवाजों पर लैंडिंग कर रहे हैं। चारों ओर गहमा गहमी का वातावरण है। दूसरी ओर ब्लॉगवाणी, चिट्ठाजगत, ब्लॉगप्रहरी इत्यादि में इसी पर दे दनादन पोस्टें लग रही हैं। पोस्टों में दुख व्यक्त किया जा रहा है और उस एक ब्लॉगर को जेल से छुड़ाने और जमानत पर लाने की योजनायें बनाई जा रही हैं। रायपुर, छत्तीसगढ़ में होने वाली ब्लॉगर बैठकी में भी एक ब्लॉगर के जेल जाने की घटना पर दो मिनिट का मौन रखा गया है। इस प्रकरण से दूरसंचार का बहुत लाभ हुआ है जबकि अविनाश वाचस्पति के दोनों मोबाइल में से एक पर भी बात नहीं हो रही है। सब ब्लॉगर आपस में एक दूसरे से बतिया रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिनके मन में मोतीचूर के लड्डू फूट रहे हैं। जबकि अधिकांश इस पर बहुत रोष में हैं। अविनाश वाचस्पति का कहना है कि यह सब क्रिया कलाप तो जिंदगी का एक हिस्सा हैं। हमें हिन्दी ब्लॉगिंग के रास्ते में आने वाली ऐसी बाधाओं से तनिक भी विचलित नहीं होना है। अगर मैं हिन्दी ब्लॉगिंग के नाम, रचना चोरी के विरोध में एक टिप्पणी देने के जुर्म में, जबकि वो सीधे से सच्चाई का साथ है, शहीद भी हो जाता हूं तो मुझे रंच मात्र भी अफसोस नहीं होगा। पर आप लोग सच्चा्ई का साथ तनिक न छोड़ना।
प्रिंट मीडिया पर ब्लॉग चर्चा ब्लॉग में कई समाचार पत्रों में इस खबर की सूचना है। मैं इधर क्लिक करता हूं और तभी तालियों की आवाज के बीच दोपहरिया नींद टूट जाती है। सामने टेलीविजन पर स्टार चैनल पर लाफ्टर चैनल पर किसी बात सिद्धू के कथन पर हंसी और ठहाकों भरी तालियां स्वप्न से हकीकत में पहुंचा देती हैं। फिर वही सच्चाई सामने है लेकिन अब स्वप्न से सच्चाई ... में आ चुका हूं और स्वप्न को स्मरण कर क्या करूं, सोचूं समझ नहीं आ रहा है इसलिए इसे आप सबके सामने ज्यों का त्यों पेश कर रहा हूं। मनन के लिए। वैसे दिन का स्वप्न सच नहीं होता - मैंने तो अब तक ऐसा ही सुना जाना है।
... और एक हिन्दी ब्लॉगर अविनाश वाचस्पति गिरफ्तार
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
Labels:
एक हिन्दी ब्लॉगर गिरफ्तार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
सपने देखना उपलब्धि का पहला कदम है, तो समझिये आगाज हो गया
जवाब देंहटाएंआगाज तो होश सम्हलते ही हो जाता है। आगे बढ़ गए कहें अनीता कुमार जी।
जवाब देंहटाएंSukhad khabar dee
जवाब देंहटाएंare maaf karan s type ho gaya dukhad khabar dee
चलिए जेल से आने के बाद हमारे अविनाश भाई का रूतबा भी संजय दत्त और सलमान खान जैसा हो जाएगा...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
राम रे सपना भी देख तो क्या
जवाब देंहटाएंअविनाश जी,
जवाब देंहटाएंऐसे सपने आना ठीक नहीं, कुछ उपचार कराओ। एक तो मैं बता सकता हूँ। हमारे अजय कुमार झा सच्चे ब्राह्मण है उन्हें सपरिवार बुला कर भोजन करवाइए। सारे बुरे सपने आना बंद हो जाएंगे।
बिल्कुल सही दिन का सपना कभी सच नहीं होता।
जवाब देंहटाएंहे राम! बड़े भइया...ई का हुइ गवा!!! रिवाइटल खाइए, ठंडई पीजिए, पांव धोइए, तब सोइए....
जवाब देंहटाएंवी कूल...। दुनिया लोगों के बारे में बद्दुआएं मांगती है और सपने देखती है और आप अपने ही बारें में। चित्त को शांत कीजिए।..
जवाब देंहटाएंसुबह सुबह ठण्डे ठण्डे पानी से नहाये :) बाबा ऎसे सपने मत देखे
जवाब देंहटाएंgiraftaar karne yogya hi ho aap !
जवाब देंहटाएंkyonki aap sach bolte hain aur sach bolne wale sirf writer hi hote hain varna kisi vakil ke ghar me koi sach bolne wala paida ho jaaye to baap ye soch kar maathaa peet leta hai ki ghar me kul kalank paida ho gaya
aap nishchint rahen giraftari ko aftaari samajh kar jashn manaao aur mere liye samose mangaao main unhen khaa kar aapke liye aamran anshan par baith jaaunga aur shaakaahari hone ke baavjood dushmanon ka khoon pi mkar hi upvaas todunga ...sapne me...ha ha ha ha
ऐसे सपने तो आपके दुश्मनों को भी ना आएँ
जवाब देंहटाएंमदन जी से पंगा लेंगे तो यही होगा.
जवाब देंहटाएं" oh ! yaar aise sapne ?...sapne dekhna bandh kardo mere bhai ..oh , ab samja aap writer ho na ..fir to dekho ge hi ..."
जवाब देंहटाएं" bada mast sapana tha ...magar ghabharao mat din ke sapne sach nahi hote ."
" badhiya post .."
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
shubh shubh boliye..!!
जवाब देंहटाएंएक निवेदन:
जवाब देंहटाएंआपने अब तक हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में असीम योगदान दिया है, इस हेतु साधुवाद. अब कृप्या यही जज्बा जेल के भीतर भी जिन्दा रखें एवं अलग अलग अपराधों की सजा काट रहे कैदियों का भी हिन्दी ब्लॉग खुलवायें.
अपराधों पर अपराधियों द्वारा संचालित ब्लॉगों की कमी अखरती है. आपका यह योगदान आपकी जेल यात्रा अविस्मरणीय एवं एतिहासिक बना देगा, शुभकामनाएँ.
-हिन्दी का एक अदना सिपाही!!
वैसे तो सपने ही सच कहाँ होते हैं वरना तो अभी हम प्रधान मंत्री होते भारत के. :)
जवाब देंहटाएंAji saab Ham roz sapne me dekhte hain ki HAMARA DESH AZAD HO GAYA lekin hua kya?
जवाब देंहटाएंRegards
Ram K Gautam
Are uncle kuchh nahin hoga aapko... nahak pareshan ho rahe hain...
जवाब देंहटाएंaur ye Albela ji ka Dwivedi ji se panga ho gaya kya ;) bekar me wakeelon ko jhootha bana rahe hain.. achchha wo to writer bhi ho gaye aur wakeel bhi..
to kya kahenge SACHCHA_JHOOTHA???(just kidding)
Jai Hind.... Jai Bundelkhand...
समीर जी की पहली टिप्पणी मेरी भी मानी जाय।
जवाब देंहटाएंnaam to fir bhi hoga hi ..
जवाब देंहटाएंयही तो अपना कारवाँ है. चाहे जैसे हो बढे चलें... आप लगे रहें..
जवाब देंहटाएंओह्ह!! ये क्या देख लिया,आपने...पर बंद आँखों से देखे सपने कब सच होते हैं...खुली आँखों से नहीं देखे,ना...फिर क्या फ़िक्र...jst chill
जवाब देंहटाएंएक सुझाव: क्यों न अगली ब्लोगर मीट "वकील" साहब के घर/दफ्तर में ही रख ली जाए ?
जवाब देंहटाएंगिरफ्तार हो जायें
जवाब देंहटाएंतो ही बतायें
ताकी हम
जैल मे
सपरिवार
आप से मुलाकात करने आयें।
ॐ मदन पण्डयाये नम: मंत्र का सोने से पहले 108 बार जाप कीजिए....भविष्य में फिर कभी ऎसा दुस्वपन नहीं दिखाई देगा :)
जवाब देंहटाएंbade bhai jail ki to aap bilkul bhi chinta mat kijiye....agar jana bhi pada to ye chhota bhai kis kam aayega...ham hain na...ha ha ha ha....bahut contacts hain jail main hamare........................................................................................................................................................................................................................................................doctors se bhai....
जवाब देंहटाएंबंद करा ही दो ना भैया इनको एक बार ।
हटाएंha..ha.. sapne din ke sapne !!!
जवाब देंहटाएंमैने बचपन में सुना था कि यदि सपने में आपके साथ कोई बुरी बात हो जाय तो हकीकत में इसका उल्टा होता है। जैसे- यदि सपने में कोई अपने घर का या कोई सगा-सम्बन्धी मर जाय या दुर्घटनाग्रस्त हो जाय तो हकीकत में ऐसा दुश्मन के घर हो जाता है। सपने में अपना घर जल जाय तो हकीकत में पड़ोसी का घर स्वाहा हो सकता है।
जवाब देंहटाएंइस जनश्रुति के आधार पर यह सहज अनुमान कर सकते हैं कि गिरफ़्तारी किसकी होने वाली है।:)
ओह! शीर्षक से तो मैं डर ही गया था....
जवाब देंहटाएंडरना मना है ....
जवाब देंहटाएंये क्या होरहा है, ब्लोग पर ????
जवाब देंहटाएंमैं अभी आके आपके दिमाग का इलाज करती हूँ ,छुपने की जगह खोज लीजिये....
जवाब देंहटाएंदिमाग हो तो कोई करे इलाज ।
जवाब देंहटाएं