नैनो प्रकरण-२

Posted on
  • by
  • Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak "
  • in
  • कोलकाता की सङकों पर अब चौबीस घंटा जाम रहने लगा है. औसतन दो व्यक्ति कार-बसों की चपेट में आकर जान गंवाते हैं. गाङियों की पार्किंग की समस्या है. मेम साहब बन-ठन के बाज़ार जाय, होटल या सिनेमा जाये, तो गाङी को २ – ३ किलोमीटर दूर पार्किंग को जगह मिलती है. एक घंटे बाद ही गाङी निकालना संघर्ष का काम होता है, तब तक आगे-पीछे, दांयें-बायें और गाङियाँ लग चुकी होती हैं. क्षमतासे चार-पाँच गुना वाहन हैं सङकों पर. इससे बिगङने वाला पर्यावरण अलग... जीना मुहाल है. अब लखटकिया नैनो आयेगी!
    इतने मे घबरा गये,बारी है नैनो की.
    लाखों गाङी आ रही, हालत क्या हो सङ्क की.
    क्या हालत हो सङक की,सांसे घुट जायेगी.
    खुद टाटा को अपनी नानी याद आयेगी.
    कह साधक सीएनजी हो या तेल-पेट्रोल.
    निकल जायेगा इंसानों का तेल-पेट्रोल.
    पैसा-सत्ता-बाहुबल,राक्षसी गठ-जोङ .
    जनता को हैं लूटते, मचा-मचा कर होङ .
    मचा-मचा कर होङ ,करोङों वारे-न्यारे ,
    टाटा चार सौ करोङ, सिंगुर में हारे .
    पूछे साधक हिसाब ,जो पलटा दे पत्ता .
    एक-लाख में कार ,गजब है-पैसा-सत्ता . १२

    टाटा-बिरला-अम्बानी,पैसे का सब खेल .
    देश-समाज सब भाङ में,सत्ता से है मेल .
    सत्ता से है मेल,विदेशी-दुश्मनों संग,
    पींग बढाते हैं ऊँची,यह देश हुआ तंग .
    कह साधक,अब देश बचाये कोई बिरला.
    सब पैसे के पीछे पागल टाटा-बिरला . १३.

    काली सडक पे दौडती, करती हवा को काला
    काल बन रहा आज फिर, टाटा नैनो वाला ।
    टाटा नैनो वाला, सड़कें जाम करेगा
    सस्ती कार, मगर कोई बोलो कहाँ रखेगा
    कह साधक कवि पलकों पर नैनो का झूला
    कार के पीछे बच्चों की किलकारी भूला ।

    गैरेज में कारें भरी, नई डिजायन नित्य
    पलना ऊँचे टंग गया, बिसरा जीवन सत्य ।
    बिसरा जीवन सत्य, पदार्थ प्रेमी मानव को
    यही दिशा प्रेरित करती आई दानव को ।
    कह साधक कवि, कारें जीती, बच्चे हारे
    नई डिजायन नित्य, भरी गैरेज में कारें ।

    ममता कुर्सी मांगती,खेत का लेकर नाम.
    वाम-पंथ को भी मिले सत्ता संग आराम.
    सत्ता संग आराम,तो कैसे बात मान ले.
    टाटा भले चले जायें,चाहे जगत जान ले .
    कह साधक कवि, आज धरा संकल्प मांगती,
    बदलो यह दुश्चक्र, कि ममता कुर्सी मांगती.१४.


    नैनो प्रकरण-२

    7 टिप्‍पणियां:

    1. सही कहा कुंडलियों के माध्यम से तस्वीर दिखा दी.

      जवाब देंहटाएं
    2. काली सडक पे दौडती, करती हवा को काला
      काल बन रहा आज फिर, टाटा नैनो वाला ।
      टाटा नैनो वाला, सड़कें जाम करेगा
      सस्ती कार, मगर कोई बोलो कहाँ रखेगा
      कह साधक कवि पलकों पर नैनो का झूला
      कार के पीछे बच्चों की किलकारी भूला
      Aaj yahi bhautikta ka bhoot sawar hota ja raha hai har kisi par .......
      Sudar samyik ranchna...
      Badhai

      जवाब देंहटाएं
    3. कुछ समय पहले, कई साल बाद दोबारा जाना हुआ.. हिम्मत नहीं हुई कि गंतव्य तक जा पाता..रास्ते में ही वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी.
      कोलकाता अब मृत-महानगर है.

      जवाब देंहटाएं
    4. अच्छी रचना । देखना है नैनो आने के बाद कोलकाता के जैम की स्थिति क्या होती है ।

      जवाब देंहटाएं
    5. कोलकता ही क्यों, हर शहर का यही हाल है.

      जवाब देंहटाएं

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz