लिखें इबारत

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  • राजेश उत्‍साही
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  • मुबारक
    क्‍कीस का






    नए साल के
    नर्म गाल पे,
    आओ मलें सब
    रंग गुलाल के !


    नए साल की
    मस्‍त ताल पे,
    रचें गीत हम
    कुछ धमाल के !


    नए साल के
    हरेक काल पे,
    रखें याद हम
    सपने हाल के !


    नए साल में
    हों कमाल के,
    समाधान कुछ
    ज्‍वलंत सवाल के !


    नए साल के
    उजले भाल पे,
    लिखें इबारत
    नए ख्‍याल से !


    0 राजेश उत्‍साही


    7 टिप्‍पणियां:

    1. आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

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    2. वाह जितनी अच्छी रचना है उतनी ही अच्छी भावना है। बहुत अच्छी लगी यह कविता। बहुत-बहुत धन्यवाद
      आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

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    3. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.

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    4. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.

      नववर्ष २०१०
      नववर्ष पर लग रहा थोड़ा ' चन्द्र ग्रहण '
      प्रतीक है जीवन के संघर्षों का करें हरण।
      नव ऊर्जा नव विश्वास का करें उदय ,
      टूटे रिश्तों को जोड़े फिर से ह्र्दय ।
      नव- नव मन कर बनाये नव मन ,
      स्वस्थ -सबल रहेगा फिर मन -तन ।
      द्वेष -भेद भाव, घृणा का करें त्याग ,
      पिछली बुराइयों का करें मन परित्याग ।
      करें संकल्प हम सब जन आज ,
      प्रेम -मैत्री -शांति से करें अनुराग ।
      संस्कारित करे ' मंजू ' मन की वेदी ,
      न होगा जग में मानव का मानव वैरी .

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    5. वाह बढिया .. आपके और आपके परिवार के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!

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    6. वाह..बहुत बढ़िया रचना..नये साल के स्वागत में..बधाई!!!
      आपको, आपके मित्रगणो, और आपके परिवार के सभी सदस्यों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ..

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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