आप भगवान को जानते हैं
उससे भी बड़ा प्रश्न है मानते हैं
या अपनी जिद को ही ठानते हैं
न मानते हैं
न मानने देते हैं
पर अब तो आपको मानना ही पड़ेगा
यूं ही अब तक तो चलता रहा
पर अब यूं ही नहीं चलेगा
।
भगवान ने इस बरस जाते जाते
मुझे एक इंटरव्यू दिया है
खूब शब्दों को भर भर कर जिया है
जिसका प्रसारण सिर्फ ब्लॉग पर होगा
उसके ट्रांसक्रिप्शन का कार्य चल रहा है
फिर उसमें संपादन
...
नहीं ... संपादन तो संभव नहीं है
यूं का त्यूं ही पेश किया जायेगा
पर ट्रांसक्रिप्शन जरूरी है
वो सुनाई नहीं देगा किसी और को
यही तो मजबूरी है
उसके ट्रांसक्रिप्शन में मैं व्यस्त हूं
पर घनघोर नहीं
और कार्य भी कर रहा हूं
इसलिए अगले बरस ही पढ़वा पाऊंगा
मैं तो मिल लिया
पर आपको मिलवाऊंगा
तो मिलने को रहिएगा तैयार।
अपनी आस्था और श्रद्धात्मक टिप्पणियों का
देना भगवान को उपहार
कर सकते हो आलोचना भी
वैसे भगवान की इन टिप्पणियों पर
मॉडरेशन लागू नहीं होगा
पर अगर कोई भयावह टिप्पणी करेगा
तो वो स्वयं ही हवा हो जायेंगी
।
भगवान का इंटरव्यू
ब्लॉगरों के लिए दवा हो जाएगी
उसमें बतलाये हैं भगवान ने
ऐसे ऐसे नुस्खे
जिससे पोस्टों पर मिलें
खूब सारी टिप्पणियां
पर जरूरी नहीं
कि सब ही हों बढि़या।
निश्चय आप बाद में ही कीजिएगा
पहले पोस्ट का इंतजार
और बाद में आप भगवान को
टिप्पणियों का इंतजार करवाइयेगा
परंतु ब्लॉगवाणी, चिट्ठाजगत पर
पसंद चटकाइयेगा
ब्लॉगप्रहरी के पास लौट लौट कर
आइयेगा।
भगवान का इंटरव्यू (अविनाश वाचस्पति)
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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अविनाश वाचस्पति
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इन्तजार करते हैं भाई..जल्दी पढ़वाना!!
जवाब देंहटाएंयह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
भाई फ़ोटूी लगाना साथ मे
जवाब देंहटाएंमैं भी इस anonymous ब्लागर सरीखे भगवान का असली फोटू देखना चाहूंगा.
जवाब देंहटाएंअच्छा है .. बहुत-बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
अच्छा विज्ञापन है। वैसे मैं एक भगवान को जानता हूँ मेरे गृह नगर में कचौड़ियाँ बेचता था। हम सब उसे भुग्गा कहते थे।
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया. इन्तजार है.
जवाब देंहटाएंआगुंतक "नववर्ष २०१० "की सभी जगतवासियों को
जवाब देंहटाएंमेरी हार्दिक शुभ कामनाएं हैं .
शीर्षक ,काव्य दिलचस्प लगा .उनके साक्षात्कार का बेचैनी से इन्तजार है .
इंतज़ार रहेगा
जवाब देंहटाएंvah kya bat hai
जवाब देंहटाएंaap bhi khoob mhan hain
kyonki aap bhgvan ka itrvyu kr rhe hain
nye nye prshn gdh rhe hain
un ke ishvr se uttr sun rhe hain
aap ko bhgwan ji pta nhi kya kya smjha rhe hai
aap unhe hm se kyon chhupa rhe hain
ishvr to srvvypk hai
is liye us ke mntvy ko chhupao mt
use shighrta se samne lao
or apna or hmara jivn sfl bnao
dr.vedvyathit@gmail.com
aapko nav varsh ki badhai ,is rachna ko padhkar harishankar parsai ji ki ek vyang ki yaad aa gayi ,uttam
जवाब देंहटाएंबहुत इंतज़ार है..इंटरव्यू का...
जवाब देंहटाएंlaao laao huzoor...........
जवाब देंहटाएंbhagwaanji ko pranaam kar jivan sudhaar len