दीपावली के शुभ अवसर पर आज नया ब्लॉग
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कविता नया ब्लॉग कविसम्मेलन
काव्य-रसिक मित्रो !
दीपावली के शुभ अवसर पर आज नया ब्लॉग
कवि सम्मेलन
http://hindikavisammelan.blogspot.com/
शुरू किया है जिस पर आप रोज़ाना उत्तम एवं श्रेष्ठतम साहित्यिक
कविताओं का वाचन कर तो कर ही सकेंगे साथ ही वर्तमान में रची व
चर्चित कवितायें भी बाँच सकेंगे..........
इस अभियान का श्री गणेश कर रहा हूँ....
महान कवयित्री महादेवी वर्मा की अधोलिखित कविता से
पढ़िए और आनन्द लीजिये एक महान रचना का...........
आज दीपक राग गा लूँ ..........
सब बुझे दीपक जला लूँ
घिर रहा तम आज दीपक-रागिनी अपनी लगा लूँ
क्षितिज-कारा तोड़ कर अब गा उठी उन्मत्त आँधी
अब घटाओं में न रुकती लास-तन्मय तडित बाँधी
धूलि की इस वीणा पर मैं तार हर तृण का मिलालूं
भीत तारक मूंदते दृग, भ्रांत मारूत पथ न पाता
छोड़ उल्का अंक नभ में, ध्वंस आता हरहराता
उँगलियों की ओट में सुकुमार सब सपने बचालूं
लय बनी मृदु वर्तिका हर स्वर जला बन लौ सजीली
फैलती आलोक सी ..........झंकार मेरी स्नेह-गीली
इस मरण के पर्व को मैं आज दीपाली बनालूं
देख कर कोमल व्यथा को आँसुओं के सजल रथ में
मोम सी सांधे बिछादी थी इसी अंगार - पथ में
स्वर्ग है वे, मत कहो अब क्षार में उनको सुलालूं
अब तरी पतवार लाकर तुम दिखा मत पार देना
आज गर्जन में मुझे बस ...एक बार पुकार लेना
ज्वार को तरणी बना मैं इस प्रलय का पार पा लूँ
आज दीपक राग गा लूँ
- महादेवी वर्मा
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जो चषक हाथ धन्वन्तरि के थमा, नीर उसका सदा आप पाते रहें
जवाब देंहटाएंशारदा के करों में जो वीणा बजी, तान उसकी सदा गुनगुनाते रहें
क्षीर के सिन्धु में रक्त शतदल कमल पर विराजी हुई विष्णु की जो प्रिया
के करों से बिखरते हुए गीत का आप आशीष हर रोज पाते रहें
राकेश
आपसे पूरी अपेक्षा है उस दीप शिखा की हैसियत के अनुरूप !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी धारणा है। हमारी शुभकामना है। हैप्पी दीवाली।
जवाब देंहटाएंनये ब्लॉग का स्वागत करता हूँ!
जवाब देंहटाएंआज खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
स्वागत एवं इस सार्थक प्रयास के लिए अनेक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
कैसे बताऊँ मैँ तुम्हें कि मेरे लिए तुम कौन हो
जवाब देंहटाएंतुम स्वछन्द गगन में उड़ता खुशी का निराला गीत हो
तुम प्रेम अभिव्यक्ति से परिपूर्ण मेरे मनमीत हो
मेरे लिए तो केवल तुम तुम ही कवि'प्रदीप'हो
आपके नए ब्लॉग का स्वागत है
इस उत्तम कार्य के लिये तो आपकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है । उम्मीद है यहाँ उत्कृष्ट साहित्यिक रचनाये पढ़ने को मिलेंगी । मेरा जब भी सहयोग चाहें ले सकते है ।
जवाब देंहटाएंइस दीपावली में प्यार के ऐसे दीए जलाए
जवाब देंहटाएंजिसमें सारे बैर-पूर्वाग्रह मिट जाए
हिन्दी ब्लाग जगत इतना ऊपर जाए
सारी दुनिया उसके लिए छोटी पड़ जाए
चलो आज प्यार से जीने की कसम खाए
और सारे गिले-शिकवे भूल जाए
सभी को दीप पर्व की मीठी-मीठी बधाई
naye blog ka swagat hai........aur rachnaon ka intzaar rahega.
जवाब देंहटाएंmilega roj kuch aacha padhane ko .
जवाब देंहटाएंdhanvad aapka naya vichar chunne ko
चर्चित के साथ अचर्चित रचनाओं का भी इंतजार रहेगा .कई बार अचर्चित रह जाती हैं कई अच्छी रचनाएँ भी .
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