मोती सा त्यौहार दिवाली
ज्योति का त्यौहार दिवाली
दीप जलें ,जगमग जगमग
रोशन हों, हर घर खुशहाली
बांटें खुशियां मिलकर सब
तमिल ,मराठी हों बंगाली
यही कामना सच हों सपने
रहे न कोई पुलाव ख्याली
चकाचौंध में, भूल न जाना
रातें कुछ हैं, अब भी काली
खाएं छककर आप मिठाई
दुआ करे, उत्साही भोपाली
0राजेश उत्साही
यह दिया है ज्ञान का, जलता रहेगा।
जवाब देंहटाएंयुग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
बहुत सुंदर रचना !!
जवाब देंहटाएंपल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया
जवाब देंहटाएंमन आंगन छा गया
शब्दों का जादू
नुक्कड़ पर जगमगा गया।
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
जवाब देंहटाएंदीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
सादर
-समीर लाल 'समीर'
शानदार और मनमोहक। ग़ज़ल के कई शे’र दिल में घर कर गए।
जवाब देंहटाएंदीपावली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवार को शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली..!!
"खाएं छककर आप मिठाई"....!
जवाब देंहटाएंनकली मिठाई के ज़माने में भी ?
ओह
काजल जी आदमी कहां असली
जवाब देंहटाएंमानवता हर दम लगती मवाली
आप हम सब कहां जा रहे हैं
सदी का हर पल लगे सवाली