बार बार इस बात का रोना कि पब्लिक न्यूज नहीं देखना चाहती इसलिए हम मनोरंजन दिखाते हैं सवाल ये है कि क्या किसी डॉक्टर ने कहा था कि आप न्यूज चैनल का ही लाइसेंस लीजिए या पब्लिक अपका पैर पकड़ने गयी थी। आप लाइफ स्टाइल या म्यूजिक चैनल चलाइए किसी ने रोका हैं. तड़का लगाकर खबर को सनसनीखेज बनाना एक पत्रकार की अर्हता हो गयी है. मानवीय कमजोरियों का फायदा उठाकर किसी को अपना शिकार बनाने की मीडिया को लत लगती जा रही है। इतने जिम्मेदारी भरे कार्य के लिए जिन पत्रकारों का चयन किया जाता है और जिस तरह से किया जाता है उस पर भी गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। READ MORE...
भागो! पत्रकार आ रहा है!
Posted on by पुष्कर पुष्प in
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वाकई बहुत सही बात कही आपने आज कल न्यूज़ चैनल अपना नाम करने के चक्कर में सही को गलत और गलत को सही साबित करते नजर आ रहे हैं , एक ज़रा सी बात को मशाला लगा कर इतना भयानाक कर दिया जाता है की साधारण आदमी सोच नहीं सकता की इसमें कितना सच है ! पर आज कल के दर्शक श्रोता भी समझदार होते जा रहे हैं और अगर कोई सही समाचार हो तो भी विस्वास नहीं करते ! आम आदमी का विस्वास खोते जा रहे है न्यूज़ चैनल ! और न्यूज़ चैनल ही क्या समाचार पत्र, पत्रिकाएँ भी इसके लपेटे में आ गए है !!
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