ब्‍लॉगवाणी के बंद होने से किसको खुशी मिली : हमें तो दुख हुआ है (अविनाश वाचस्‍पति)


इस चित्र पर चटका लगायें या ब्‍लॉगवाणी खोलें अब बात एक ही है।

इसे कहते हैं अपने पैरों पर कुल्‍हाड़ी मारना
जो मिल रहा है उसमें मीन मेख निकालना

सब्र की एक इंतहा होती है समझ लीजै
एक आग का दरिया है जिसमें झुलसना है


50 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लोगिंग कोई खेल नहीं है. इसे समझना होगा.

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  2. क्या ब्लागवाणी सचमुच बंद हो गया?

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  3. बेहद दुखद ! उम्मीद है कि हमारे सामूहिक प्रयासों से ब्लोग्वानी टीम अपने फैसले पर पुनर्विचार करे |

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  4. ka kahe vakeelo ki keel koसितंबर 27, 2009 11:33 pm

    dwivedi ji khush rahe. hame to yahi bahut hai

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  5. हमें तो ये समझ ही नही आ रहा हुआ क्या। अभी खाली हुए तो सोचा एक आध ब्लोग ही पढ ले तो गए ब्लोगवाणी पर वहाँ तो कुछ और ही नजर आ रहा है। अविनाश जी से बात हुई तो उन्होंने कुछ बताया पर समझ नही आ रहा है कि आखिर क्या हुआ है? खैर अगर सच में ही बंद हुआ है तो हमें भी बहुत दुख होगा।

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  6. लगता है मुझे बंद होंगे अब ब्‍लॉग भी। प्रिंट मीडिया का फिर से बोलबाला होगा। रचनाएं फिर धन्‍यवाद सहित सखेद वापिस आया करेंगी। पृथ्‍वी गोल है। अब कुछ अधिक ही गोल महसूस हो रही है।
    पर ब्‍लॉगवाणी का अलविदा होना दुखद है।

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  7. चांद पर पानी मिल गया पर ब्‍लॉगों का पानी यानी ब्‍लॉगवाणी नदारद हो गया। ब्‍लॉगों में तो सूखा पड़ गया। अब अकाल के हालात भी पैदा हो सकते हैं।

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  8. behad afsos ki baat hai..aisa nahin hona chaheeye tha.blogvani aur chitthajagt ek manch hain..inke bina hindi blogging handicapped hai..

    umeed hai blogvani phir se wapas lautegi.

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  9. बहुत दुख की बात है कि ब्लागवानी बंद हो गई है.. हम जैसे ब्लागरो लिखने और अन्य सभी ब्लागरो को पढने का मज़ा अब कैसे... इस पर विचार किजिये आप लोग कुछ सोचे...

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  10. अविनाश जी,
    घर आए अनाज से कंकड़ पत्थर निकाले जाते हैं
    घर आई साग भाजी को भी धो कर उपयोग किया जाता है

    तो जो मिल रहा है उसमें मीनमेख निकालेंगे ही लोग
    शुचिता भी कोई चीज है कि नहीं

    और अगर इतनी ही तकलीफ हो रही थी ब्लॉगवाणी को , तो जिस बात पर हंगामा था उसे बंद करते, ब्लॉगवाणी पसंद को। पूरा तम्बू उखाड़ने की क्या जरूरत थी। उन्हें तो बस एक बहाना चाहिए था। याद कीजिए पंगेबाज के शब्दों को जिसमें उसी समय ब्लॉगवाणी बंद किये जाने की बात की गई थी

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  11. मेल पर मेल और पोस्ट पर पोस्ट लिख कर भेज कर पसंद पर चटका लगाने को कहने वालों वालों को तो दुख होगा ही :-)
    जायें अपने गूगल ग्रुप पर। ब्लॉगवाणी का शोक क्यों मना रहे

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  12. अरे भाई ब्लागवाणी वालो बन्द क्यो कर दिया, मुझे तो बहुत दुख हो रहा है, इस ब्लागवाणी के साथ ही तो मे यहां ब्लागिंग कर रहा था, आ जाओ भी वापिस आ जाओ,सब लोगो को उस कर्म की सजा क्यो दे रहे हओ जिन लोगो ने पसंद का गलत उपयोग किया उन्हे चाहे सजा दो माफ़ करो सब को क्यो???
    आप खुब आगे बढो,तरक्की भी करो लेकिन नींव को तो रहने दो... अरे भाई वापिस आ जाओ, मुझे तो ऎसा लगता है जेसे मेरा भाई मुझ से बिछड गया हो.... कल ऊठ के देखूगां काश यह सपना ही हो.....
    राम राम भी करने को दिल नही करता भाई आ जाओ

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  13. दशहरे के दिन ! ब्लागवाणी भी बंद ! अच्छा नहीं हुआ.

    लेकिन आखिर कोई कब तक जेब से पैसा डालकर यूं चलाए रखे! (और बातें सुने सो अलग.) नारद अक्षरग्राम पहले ही connection reset सूचनाएं देते आए हैं. चिट्ठाजगत के अलावा शायद ही अब कोई और ठीक-ठाक हिंदी एग्रीगेटर बचा हो जो रियल टाइम में ब्लाग अपडेट की सूचना देता हो.

    बस यही उम्मीद करनी चाहिए कि याहू या गूगल बगैहरा हिंदी एग्रीगेटर लेकर भी उतरें. ब्लागवाणी ने जो किया ...भुलाया नहीं जाएगा, ब्लागवाणी से जुड़े सभी बंधुओं का बहुत-बहुत धन्यवाद.

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  14. jhan ji blogvani ko ek naye roop me lane ki iyari chal rahi thi . aapo jaiso blogaro ke tuchi harkato se vo band ho gayi samjghjhe kya ?

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  15. हिंदी ब्लॉग एग्रीगेटर का यूँ बंद होना अच्छा नहीं लगा . और ब्लोगवाणी टीम ने जो वजह बताई वो बेहद बेकार है . एक पोस्ट से दुखी होकर बंद करना कुछ जाचा नहीं . अब साहब चलाना नहीं चलाना उनकी मर्जी

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  16. पर जो भी सब के पीछे बाज़ार है ..

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  17. I had only Blogvani link on my blog ! This decision must be opposed . I request Blogvani team to reconsider their decision . Make it payable,but resume the bloody service.It was too good yar . This decision is unethical, wrong and highly objectionable.

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  18. "किसी भी स्थिति में ब्लागवाणी का बन्द होना अफ़सोस जनक है"

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  19. ब्लागवाणी का बंद होना अत्यंत दुखद है....मुझे तो इसके माध्यम से ही कितने मित्र -बन्धु गण मिले... ऐसा लगता है की एक परिवार खो गया ....

    एक पोस्ट के कारण इसका बंद हों दुर्भाग्यपूर्ण हैं...

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  20. मैंने 12 बजे रात को बम फोड़ने का वादा कर रखा था...लेकिन ब्लॉगवाणी वालों ने पहले ही बम फोड़ दिया...मेरा बम तो सुतली बम होता लेकिन ब्लॉगवाणी ने असल में ही धमाका कर दिया...मुझे पता चला कि किसी ने मेरे नाम के कंधे पर ही तोप रखकर पक्षपात के आरोप का गोला ब्लॉगवाणी पर दाग दिया...और ब्लॉगवाणी ने भी त्वरित प्रतिक्रिया में सेवाएं बंद कर दीं...भईया जब मुझे ही शिकायत नहीं थी, तो फिर मेरे लिए दूसरे किसी भाई को क्यों शिकायत हुई...ये पसंद बढ़ने न बढ़ने से दुनिया कोई चलती है...हां एक प्लेटफॉर्म जरूर बंद हो गया, जहां सभी ब्लॉगर्स आसानी से मिलते थे...

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  21. यह हिन्दी ब्लागजगत के लिए त्रासद और संक्रान्ति काल होगा -ब्लागवाणी टीम से मेरा अनुरोध है कि वे कृपा कर ऐसा न करें ! यह उनके सामाजिक सरोकारों को अभिव्यक्ति दे रहा था -वे इतने अनुदार नहीं हो सकते !
    अरविन्द

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  22. निश्चय ही ब्लॉगवाणी टीम को इस कदम के बारे में सोचना चाहिये था, पर तब क्या हो जब आरोप दिल पर लगे ।

    अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना तो है ही । यह तो किसी ने न सोचा था ।

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  23. दशहरे के दिन आलोचनाओं से डर कर इस तरह पलायन ...बहुत दुखद और अफसोसजनक ...!!

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  24. बेहद अफसोसजनक, दुखद...चन्द विघ्नसंतोषियों का प्रयास सफल रहा. उन्हें बधाई और उनकी ओर से हमारी ब्लॉगवाणी से क्षमाप्रार्थना.

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  25. यह एक बहुत दुःखद सूचना है। मुझे याद है कि जिस दिन मैंने नेट पर लिखना शुरू किया था सब से पहले ब्लागिंग के ही दर्शन किये थे।

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  26. उन टांग खेंचू हिंदी ब्लोगर्स को भी बधाई जो अपनी अथक मेहनत से टांग खींचकर ब्लॉग वाणी को बंद कराने में सफल रहे !

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  27. दुखद...मैँने तो ब्लॉगवाणी को अपना होम पेज बनाया हुआ था कि जब-तब ब्लॉगजगत में छप रही पोस्टों से रुबरू हुआ जा सके ...

    ब्लॉगवाणी से निवेदन है कि वो अपने फैसले पर पुन: विचार करे और के साथ अपनी सेवाओं को फिर से पुनर्स्थापित करे

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  28. भाई यो तो खेल हो गया,मैने द्शहरे की पोस्ट लगाई ओर जब बटन दबाया तो ओर ही कुछ दीखा रहा था,
    कुछ गदबद है करके मैने मेल खोली तो अविनाश जी का समाचार पाया के ब्लोगवानी बँद हो गई बहुत अफ़्सोस जनक है,चालु करवा्वो,
    "जहां होगा अविनाश-वहा कैसे होगा नाश" अविनाश जी आप ही कुछ करो,

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  29. अफसोसजनक हादसा।

    ब्लॉगिंग को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहा जाता है तो यह स्वतंत्रता हर क्षेत्र में होती है, फिर चाहे वह समाज सेवा हो या व्यवसाय।

    यह ब्लॉगवाणी का अपना निर्णय था, शायद कुछ और बेहतर कर गुजरने के लिए।

    अब तक ब्लॉगवाणी से मिला दुलार याद आता रहेगा। भविष्य की योजनाओं हेतु शुभकामनाएँ

    बी एस पाबला

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  30. जिस बात की आशंका और डर था आखिरकार वही हुआ.....इस विवाद का पटाक्षेप यूं होगा ये सोचा नहीं था....हिंदी ब्लोग्गिंग में ब्लोगवाणी का स्थान और योगदान दोनों अमिट हैं और रहेंगे....मगर यूं यकायक विदाई....बिलकुल उसी तरह लग रहा है जैसे किसी हादसे में कोई अपना बिछड जाता है...हम उम्मीद करते हैं कि इसकी वापसी होगी और वो भी पूरे नये तेवर के साथ...

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  31. ये क्या हो गया?
    हमने ब्लोगिंग में कदम रखा ही था जुम्मे जुम्मे
    अरे ताऊ कुछ करवाओ !!

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  32. कुछ नादानों की नादानी का फ़ल आखिरकार पूरे समाज को भुगतना होता है। ब्लॉगवाणी संचालकों से अनुरोध है कि इसे क्रियाशील कर हिन्दी ब्लॉगर समाज को स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहें।

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  33. दशहरे के दिन सुबह-सुबह मौन छा गया, लगा ब्‍लाग हार गया, रावण फिर जीत गया। बेहद दुखद घटना।

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  34. प्रिय अविनाश जी,

    आपकी टेप पढ़कर दुःख तो हमें भी हुआ करे पर आना जाना तो लगा रहता है आपके दुःख में मे सहभागी हूँ और आंसू पोछने के लिए ये कविता आपको समर्पित कर रहा हूँ .

    ख़ुशी मिली जिसको

    वह फूला न समाय

    दूकान बंद कर दी

    कही खुल न जाए .

    दुःख हुआ उनको

    जो ठेले पड़े थे

    आ ओउया कर

    ढपली बजाते थे

    उनके सुर में स्वर

    मिलाते थे

    दुखी है आप

    तो मैन्टास जरुर ले

    और खुश हो जाए

    क्योकि आना जाना

    दुनिया की रीत है

    ये कविता क्या

    सटीक है .......


    आपका भाई

    जवाब देंहटाएं
  35. प्रिय अविनाश जी,

    आपकी टेप पढ़कर दुःख तो हमें भी हुआ करे पर आना जाना तो लगा रहता है आपके दुःख में मे सहभागी हूँ और आंसू पोछने के लिए ये कविता आपको समर्पित कर रहा हूँ .

    ख़ुशी मिली जिसको

    वह फूला न समाय

    दूकान बंद कर दी

    कही खुल न जाए .

    दुःख हुआ उनको

    जो ठेले पड़े थे

    आ ओउया कर

    ढपली बजाते थे

    उनके सुर में स्वर

    मिलाते थे

    दुखी है आप

    तो मैन्टास जरुर ले

    और खुश हो जाए

    क्योकि आना जाना

    दुनिया की रीत है

    ये कविता क्या

    सटीक है .......


    आपका भाई

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  36. .
    .
    .
    मैं सहमत हूं सभी टिप्पणीकारों की भावना से...

    लगाये गये आरोप गलत थे तथा आरोप लगाने वाले के तकनीक के प्रति अज्ञान को जाहिर करते थे।

    "ब्लागवाणी चलाना हमारी मजबूरी कभी न थी बल्कि इस पर कार्य करना नित्य एक खुशी थी. पिछले दो सालों में बहुत से नये अनुभव हुए, मित्र भी मिले. उन सबको सहेज लिया है, लेकिन अब शायद आगे चलने का वक्त है. तो फिर अब हम कुछ ऐसा करना चाहेंगे जिससे फिर से हमें मानसिक और आत्मिक शांति मिले."

    यहां पर यह भी कहूंगा कि मात्र हिन्दी के प्रति प्यार के चलते मिशनरी भावना के चलते यदि ब्लॉगवाणी जैसे प्रयास होते हैं तो किसी के लिये भी लम्बे समय तक उसे चलाना मुश्किल होगा, जेबें चाहे कितनी गहरी हों...

    हिन्दी ब्लॉग जगत अभी अपने शैशव में है पर यह अपार संभावनाओं युक्त युवा होगा इसमें किसी को किंचित भी संदेह नहीं होना चाहिये...यह एक बड़ा बाजार भी होगा...और फिर...एक प्रॉफिटेबल हिन्दी एग्रीगेटर जो प्रोफेशनली चले...शीघ्र ही होगा हम हिन्दी वालों के पास

    अलविदा ब्लॉगवाणी! दो वर्ष का यह साथ बेहद फलदायी रहा...
    ब्लॉगवाणी के संचालकों को उनके सुखद भविष्य हेतु शुभकानायें...

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  37. bahut dukh ho raha hai............ rona bhi aaya.......... abhi tak isi dukh mein nashta bhi nahi kiya......

    aisa laga ki koi priyajan kho gaya.......

    blogvani team se dobara shuru karne ki appeal........

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  38. बड़ा दुःख है गर ख़बर सच है ...समझ नही पा रही ये सब हो क्या रहा है ?और क्यों ? शायद इसीलिए पिछले २ दिनों से 'सक सवाल तुम करो", इस प्रश्न मंच को बोग वाणी से जोड़ना चाह रही थी जोड़ नही पा रही थी।
    क्लिक तो किया , बड़ी देर रुकी , नेट hang हो गया लगता है ...खुला नही ..फिरसे एक और कोशिश करती हूँ..

    http://shamasansmaran.blogspot.com

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  39. Mera n matlab hai' blogvaanee'...comment me galat likh gayee...ham sab milke yatn kare ki, ye jaaree rahe...

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  40. बहुत दुःख हुआ और सदमा भी लगा.

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  41. आदरणीय अविनाश जी,
    जब ब्लॉगवाणी नहीं था तब क्या था ? अब नहीं है तब क्या है ? उस टीम ने अपना काम कर दिया, अब हम सब की बारी है। चलिये आपस में मिल बैठ कर कुछ नया कर जाएँ। दिल छोटा न करें। विकल्प का नाम ही दुनिया है। दशहरा पर्व की आपको हार्दिक बधाई।

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  42. पूरा पोर्टल बंद करने के बजाये उस अंग को हटा देना था जिसमे गडबडी हो रही थी

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  43. Blogging kya hai ?


    Darpan, dariya meen-maaikh ka , ulti waki dhaar,

    to saccha wo doob gaya jo jhoota wo paar.....

    Alvida Blogvani :(

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  44. मुझे बहुत दु:ख हुआ यह खबर पाकर।आज ही आपके माध्यम से पता चला। कितना अच्छा था कि ब्लॉगवाणी को खोलकर तुरत नयी पोस्ट तक पहुंच जाते थे!

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  45. अविनाश जी, सच में जब हिंदी ब्लागिंग और हिंदी में लिखने वाले नए ब्लागरों दिशा निर्देशों की सख्त जरूरत है , ऐसे में ब्लागवाणी का बंद होना बलागिंग के लिए अपूरणीय क्षति है.
    -विजय

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  46. kyon na ham log apni ek vaani sthapit karain...jo gaya vo gaya..vakt to kisi ke liye nahin rukta...aap sabhi bade log sochiye ki kaise ek or isse bhi mukhar vaani ki sthapna ki ja sakti he main bhi apne star se prayas karta huin.....pareshaan ne ho....

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