हिन्‍दी ब्‍लॉगर श्री जगदीप सिंह दांगी की जान को खतरा

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • लगभग डेढ़ घंटे पूर्व मुझे नुक्‍कड़ के सम्‍मानित लेखक और तकनीकी जानकार श्री जगदीप सिंह दांगी से जो ई मेल प्राप्‍त हुई है, उसे प्रस्‍तुत कर रहा हूं। इसे पढ़ें और विचार करें तथा इस पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करायें :-
    आदरणीय Sir/Ma'am,
    नमस्कार...
    अटल बिहारी वाजपेयी — भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवम् प्रबंधन संस्थान
    ग्वालियर में हिन्दी पखवाड़ा कार्यक्रम के अन्तर्गत मुझे सम्मानित करने के
    बहाने आमंत्रित किया और अपमानित ढंग से सम्मान किया और शिकायत करने पर
    मुझे एक गुण्डा किस्म के सहायक प्राध्यापक गौरव अग्रवाल ने बहुत ही
    गन्दी—गन्दी गालिया दी और मुझे उठाकर ऊपरी मंजिल से फेंकने ही वाला था कि
    लोगों ने बचा लिया। गौरव अग्रवाल संस्थान में कुछ समय पहले ही आया है और
    अपनी रंगदारी कमज़ोरों पर कर रहा है। शिकायत निदेशक महोदय और थाना में
    दर्ज़ कर दी है, पूरे घटनाक्रम से काफ़ी डरा हुआ हूँ और असुरक्षित हूँ।
    मेरी सुरक्षा करो। वह बहुत ही गुण्डा—मवाली किश्म का व्यक्ति है कुछ भी
    कर सकता है। मेरी जान को बहुत खतरा है आप लोग मेरी सुरक्षा हेतु प्रयास
    करने की कृपा करें।
    सादर
    जगदीप सिंह दांगी
    साइंटिस्ट—इंजीनियर,
    अटल बिहारी वाजपेयी — भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवम् प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर।
    मो. 09826343498
    Profile: http://www.iiitm.ac.in/iiitm/Scientist_Eng/JDangi.htm

    14 टिप्‍पणियां:

    1. बात पूरी समझ नहीं आयी। मगर फिर भी चिन्ता की बात है

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    2. बहुत बढ़िया समय से पहले खबर कर दी अपने तीर लश्कर लेकर आता हूँ हाहाहा

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    3. अरे बाप रे, क्या पुलिस वगेरा नही है, जहां यहां यह रिपोर्ट लिखवा सके, भाईयो इस की मदद करो जो इस के आसपास रहते है, ओर कोई अच्छी सालह भी इन्हे दे.
      आप को ओर आप के परिवार को विजयादशमी की शुभकामनांए.

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    4. अफसोसजनक रहा।
      असत्य पर सत्य की जीत के पावन पर्व
      विजया-दशमी की आपको शुभकामनाएँ!

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    5. यही है कलियुग की रिवर्स विजयादशमी
      अच्छाई पर बुराई की जीत की भस्मी
      कौन राम, कौन रावण पहचानना है तिलस्मी
      हर कोई निभा रहा कहने की रस्म अहम ब्रहास्मि

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    6. बहुत बुरा हुआ. कहीं पेशेवराना ईर्ष्या तो नहीं, यदि ऎसा है तो इसका अंदेशा पहले से रहा होना चाहिए. बहरहाल बात पुलिस तक पहुंच गई है तो इतना आसान नहीं होगा दोबारा कोई ऎसी दुस्साहसिक कदम उठाना फिर भी, भाई दांगी जी को ज्यादा चौकस रहना चाहिए.

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    7. क्या किया जा सकता है केवल प्रार्थना के सिवाय !
      पुलिस व संस्थान ने देखना चाहिये ।

      "एक गुण्डा किस्म के सहायक प्राध्यापक"
      ये नयी पौंध भी सोचनीय है

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    8. Badee dard naak ghatna hai...aur aage kya kahun?

      Is qism ka ek hadsa mere saath bhee hua hai..

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    9. Bhai jaan Gwaliar main to main bhi kuchh kar paane main asamarth huin..

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    10. "एक गुण्डा किस्म के सहायक प्राध्यापक"
      ये नयी पौंध भी सोचनीय है

      ulook ji ke vyang se sehmat !!

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    11. सबसे पहले तो पुलिस से शिकायत होनी चाहिये।

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    12. चिन्तनीय..ग्वालियर के पत्रकार बंधुओं. बीड़ा उठाओ.

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    13. ऑफ ये गुंडाराज इस बात को मीडिया में प्रचार करनी चाहिए ताकि उनकी जान सुर्क्षित हो और लोगों को पता चले की किस तरह से गुंडागिरी चल रही है| क्या उन्होंने अटल बिहारी जी को भी पत्र अथवा मेल किया है ?

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    14. आप सम्मानित होने गऐ थे किन्तु आपने अपमान कैसे सहन कर लिया। लोग अपनी इज्जत के लिए जान की बाजी लगा देते है। आपने यह नहीं लिखा कि आपने विरोध किया था कि नहीं। कहा गया है भगवान भी उसकी मदद करते हैं जो..........

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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