शीर्षक पढकर कहीं आप सोच में तो नहीं पड़ गए। अगर अभी तक नहीं सोच रहे हैं तो फिर सोचना शुरू कर दीजिये। क्यूंकि अगर अभी भी आपने नहीं सोचा तो आपके साथ भी वो हो सकता है जो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश के मरीजों के साथ हो रहा है। निशचित ही मरीज तो आप भी कभी न कभी रहें होंगे और आगे भी कभी रह सकते हैं। खैर भगवान न करे कि आप कभी मरीजों की श्रेणी में आयें क्योंकि अगर आप इस कैटेगरी में आ गए तो आप भी कहेंगे कि वाकई भगवान हड़ताल पर हैं।
मेरी इतनी लंबी बकवास के बाद तो आप शायद समझ गए होंगे कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और उत्तरप्रदेश के जूनियर डॉक्टर पिछले कई दिनों से हड़ताल पर हैं। मरीजों के लिए भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर भी हड़ताल पर हो तो बेचारे मरीजों का क्या होगा। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मांगें उनके साथ-साथ मरीजों के हित में भी हैं। अब जरा मध्यप्रदेश में इन डॉक्टरों की मांगों पर भी थोड़ा गौर कर लीजिये। फीस में पचास प्रतिशत की कमी, प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों की गैरमान्यता प्राप्त 74 सीटों को मान्यता देने की मांग और मेडिकल छात्रों को अस्पताल में ड्यूटी के दौरान इंशयोरेंस। इसके साथ एक खास मांग और भी सुनिये। स्टायपेंड बढ़ाने की मांग। फिलहाल मध्यप्रदेश में इंटर्न के दौरान 3000, पीजी प्रथम वर्ष को 16000, द्वितीय वर्ष को 16500 और तृतीय वर्ष को 17000 रूपये स्टायपेंड दिया जा रहा है। अब ये डॉक्टर इंटर्न को 8000 और पीजी के छात्रों को क्रमश: 28000, 29000 और 30000 स्टायपेंड दिये जाने की मांग कर रहे हैं। मरीजों की जान की परवाह किये बिना अपने पैसे बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देने वाले डॉक्टरों को आखिर क्यूं भगवान माना जाए। अपने केबिन में भगवान की फोटो लगाना और खुद को भगवान मानने में थोड़ा फर्क है। एक खास बात और। जिन मरीजों के हितों की बात ये डॉक्टर कर रहे हैं उनसे जरा ये पूछा जाये कि सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले कितने लोगों को 17000 रूपये स्टायपेंड मिलता है। लेकिन ये डॉक्टर है कि भगवान और धनवान में अंतर ही नहीं समझते। अंकुर विजयवर्गीय द्वारा लिखित इस पूरे लेख को आप मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ सकते हैं। यहाँ क्लिक करें ।
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सचमुच बहुत अच्छी पोस्ट
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विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
वो दिन भी जल्दी आने वाला है
जवाब देंहटाएंजब मरीज भी हड़ताल पर जाने वाला है
वहीं मिलेंगे हड़ताली भगवान उसे
कहेगा मिलावटी दवाई से बचने के लिए
की है हड़ताल
भगवान पहचान मुझे।