मेरा नाम करेगा रौशन

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  • राजीव तनेजा
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    ***राजीव तनेजा***

    "तुझे क्या सुनाऊँ ए दिल्रुरुबा...तेरे सामने मेरा हाल है"

    "मेरी हालत तो छुपी नहीं है तुझसे" ....

    "सोच-सोच के परेशान हो उठता हूँ कि उसे क्या नाम दूँ?"
    "क्या कह के पुकारूँ उसे?"
    दिल में कंभी ये ख्याल उमडता है तो कभी वो कि...
    "मैँ उसे क्या नाम दूँ?"
    "उसे दोस्त कहूँ या के दुशमन?"
    "उसे अच्छा कहूँ या फिर बुरा?"
    "या फिर उसे 'देव' कहूँ या फिर 'दानव'...
    "कभी वो 'अच्छा' लगता है तो कभी 'बुरा'...
    "कभी 'पागल' लगता है तो कभी 'स्याना'..
    "कभी वो 'अपना' सा लगता है तो कभी 'पराया'...
    "कभी 'मेहनती' लगता है तो कभी एक्दम 'आलसी'...
    "कभी वो 'जवान' लगता है तो कभी एक्दम 'बुढा'....
    "कभी वो 'सही' लगता है तो कभी 'गलत'...
    "कभी वो 'नायक' लगता है तो कभी 'खलनायक'..
    "कभी ये भी सोचता हूँ कि उसने आखिर एसा किया क्यों?"
    "कभी-कभी दिल में ख्याल आता है कि अच्छा ही किया हो शायद उसने"
    "मेरा भला ही सोचा हो शायद"
    "अब ये तो पता नहीं कि उसके दिल में आखिर था क्या?"
    "कभी-कभी ये भी सोचता हूँ कि इस सब से उसे मिलेगा आखिर क्या?"
    "शायद किसी दूसरे को इतना....
    'बेबस',....
    'मजबूर',.
    'तन्हा',...
    'अकेला',...
    'लाचार',देख चेहरा खिल उठता होगा उसका"
    "खुशी के मारे बावला हो उठता होगा शायद वो"
    "ये भी हो सकता है कि इंसानी फितरत है .....
    खाली नहीं बैठा गया होगा उससे तो सोचा होगा कि..
    "चलो आज इसी पे हाथ आज़मा लिया जाए"
    आखिर पता तो चले खुद को कि ....
    "कितने पानी में हूँ मैँ?"
    साथ ही साथ पूरी दुनिया को भी पता चल जाएगा कि...
    "हम में है दम"
    खुद को बार-बार तसल्ली देता रहता हूँ मैँ कि ...
    "ऊपरवाले के घर देर है पर अन्धेर नहीं"
    "और भला कर भी क्या सकता हूँ मैँ?"
    "कभी तो पुकार सुनी जाएगी मेरी भी उस 'परवर् दिगार के दरबार में"
    "कभी-कभी गुस्सा बहुत आता है और दिल ये कह उठता है कि..
    'कोई ना कोई'...
    'कभी ना कभी'...
    'सवा सेर' तो उससे भी टकराएगा और तभी फैसला होगा कि ...
    "किस में कितना है दम?"
    "कभी तो ऊँट पहाड के नीचे ज़रूर आएगा"
    "कई बार तो गुस्से से भर उठता हूँ मैँ और जी चाहता है कि ...
    कहीं से बस घडी भर के लिये ही सही ...
    कैसे भी ...
    किसी भी तरह से मिल जाए...
    '36' या फिर '47'
    "कर दूँ अभी के अभी शैंटी-फ्लैट "
    "हो जाएगा फुल एण्ड फायनल"
    "कोई कसर बाकि नहीं रहेगी"
    "बडा तीसमार खाँ समझता है ना खुद को ....
    सारी हेकडी निकल जाएगी बाहर "
    "अरे अगर वार करना ही था तो सामने से आकर करता ...
    "ये क्या? कि पीठ पीछे वार करता है"
    "बुज़दिल कहीं का"
    "लेकिन फिर सोच के रह जाता हूँ कि शायद वो अपने दिमाग का इम्तिहान ले रहा हो कि ...
    कुछ है भी उसमें?"...
    "या फिर खाली डिब्बा खाली ढोल"
    "लेकिन फिर दिल तडप उठता है कि इस भरी पूरी दुनिया में क्या मैँ ही मिला था निठल्ला?"
    "जो मुझ पर ही हाथ साफ कर गया"
    "लेकिन एक बात की तो दाद देनी पडेगी कि बन्दा है बडा ही चलाक"
    "शातिर दिमाग है उसका"
    "खुली आँखो से ऐसे काजल चुरा ले गया कि ...
    "कब मेरा सब कुछ अब मेरा नहीं रहा"
    "बडे अरमान संजोए थे मैने "
    "क्या-क्या सपने नहीं देखे थे मैने कि उसके पहले जन्मदिन पर एक बडा सा केक मँगवाउंगा"
    "खूब पार्टी -शार्टी करूँगा"
    "इसको बुलाउंगा और उसको भी बुलाउंगा"
    "बडे ही जतन से पाला-पोसा था मैने उसे "
    "अभी तो उसने अपने पैरों पे चलना भी नहीं सीखा था ढंग से "
    "नन्हा सा जो था अभी"
    "मैँ तो ये सोच-सोच के खुश हुए जा रहा त हा कि एक दिन...
    "हाँ एक दिन ...
    "मेरा नाम करेगा रौशन...जग में मेरा राजदुलारा"
    "मुझे क्या पता था कि एक दिन...
    'मेरी सारी मेहनत'...
    'मेरे सारे ओवर टाईम' पर कोई पानी फेर जाएगा मिनट दो मिनट में"
    "पता नहीं मै कैसे रात-रात भर जाग-जाग कर....
    पाल-पोस कर बडा कर रहा था उसे"
    "यहाँ तक कि मैने किसी की भी परवाह तक नहीं की"
    "बीवी की भी नहीं"
    "किस-किस के आगे माथा नहीं टेका?"
    "कहाँ-कहाँ नहीं गया मैँ?"
    "किस-किस जगह सर नहीं झुकाया?"
    'मन्दिर',..
    'मस्जिद',.
    'चर्च',...
    'गुरुद्वारा',..सभी तक तो हो आया था मैँ
    'ओह'...
    'ओह'.....
    'ओह माय गाड'
    "देखा?"...
    "देखा तुमने?"
    "हाँ....हाँ देखो "
    "ऊपरवाले ने मेरी पुकार सुन ली "
    "आखिर पसीज ही गया वो "
    "दया आ ही गयी उसे मुझ गरीब पर"
    "बाल भी बांका नहीं होने दिया उसने मेरी अमानत का "
    "जस की तस"...
    "वैसी की वैसी"...
    "दूध में धुली"...
    मेरी 'याहू आई.डी'('Yahoo ID')लौटा कर उस हैकर ने मुझे दिल की हर खुशी दे दी"
    "हे ऊपरवाले तेरा लाख-लाख शुक्र है"
    "आज यकीन हो चला है कि इस दुनिया में तू है ज़रूर"
    "अगर सिर्फ 'आई डी' की बात होती तो कोई बडी बात नहीं थी,..
    उनका आना-जाना तो चलता ही रहता है"
    "इतना परेशान नहीं हो उठता मैँ,...
    बहुत कुछ जुडा हुआ था उस 'आई डी'के साथ जैसे....
    "बहुत सी प्यारी-प्यारी लडकियों के मेल अड्रैस" ,....
    "लव लैटर्स" वगैरा-वगैरा और ...
    वो सब उलटी-पुलटी मेल्ज़ भी जिन्हे मैँ सबकी नज़रों से छुपा के रखता था"
    "यहाँ तक कि अपनी बीवी को भी हवा तक ना लगने दी थी "
    "सबसे बडी बात कि मेरा याहू ग्रुप भी तो हैक हो गया था ना"
    फन मास्टर G9
    "छिन गया था वो मुझ से "
    "हैकर के पास जा पहुँचा था उसका कंट्रोल "
    "उसी को तो मैने जन्म दिया था"
    "अपनी औलाद से बढ कर माना था उसे "
    "रात-रात भर जाग-जाग के मैँ मेलज़ लिखता था"
    "इधर-उधर से नकल मार दूसरों के माल को अपना बना फारवड किया करता था "
    "हाँ हाँ ....
    अब यकीन हो चला है कि एक ना एक दिन....

    "मेरा नाम करेगा ...रौशन जग में मेरा राजदुलारा"

    ***राजीव तनेजा***

    Rajiv Taneja (India)

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