पल्ला झाड़। इतनी जल्दी।
सही ही तो है...जब कुर्सी नहीं मिली तो जिम्मेदारी कैसी?
बहुत अच्छा दर्शाया आपने,बधाई हो..देखिए अब कितने,पैतरे बदल रहे है,नेता जी,कैसे कैसे चाल चल रहे है,नेता जी,जब सहारे का समय था,तब तो हाथ खींच लिए,फिर क्यों बैठ कर इस कदर हाथ मल रहे हैं, नेता जी.
... बहुत खूब!!!!
आपके आने के लिए धन्यवादलिखें सदा बेबाकी से है फरियाद
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पल्ला झाड़। इतनी जल्दी।
जवाब देंहटाएंसही ही तो है...जब कुर्सी नहीं मिली तो जिम्मेदारी कैसी?
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा दर्शाया आपने,बधाई हो..
जवाब देंहटाएंदेखिए अब कितने,पैतरे बदल रहे है,नेता जी,
कैसे कैसे चाल चल रहे है,नेता जी,
जब सहारे का समय था,तब तो हाथ खींच लिए,
फिर क्यों बैठ कर इस कदर हाथ मल रहे हैं, नेता जी.
... बहुत खूब!!!!
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