"कुछ पल और रूक जाती "

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  • आज तुम न जाओ
    मुझे छोड़ कर
    इतनी जल्दी क्या जाना जरूरी है ,?
    अच्छा जाना ही है ,
    तो कुछ ही पल रूक जाओ ,
    वैसे भी अब हम कम मिलते है
    बस यादों से ही जिया करते है,
    आज तुम आयी ,
    जिंदगी में नयी रंगत लायी है,
    अब इन यादों का पुलिंदा बना लूँ मैं
    जो कुछ पल का साथ दो ,
    तुम कब आती रहोगी यूँ ही
    कब यूँ तड़पाती रहोगी ?
    तुम जानती हो न ?
    मैं कितना अकेला हूँ तुम्हारे बिना ,
    फिर भी तुम न ,
    अब मैं कहूँगा तुमसे कुछ ।
    तुम तो बदल गयी हो ,
    क्या ?
    न तुम ऐसी थी
    और न मैं ऐसा था
    तुम मुझे देखती
    और मै तुम्हे देखता
    तुम जाने की जिद करती
    और
    न मैं रोकता
    पर ठीक है
    जाना है तो जाओ
    हां ये वादा करके कि
    जल्दी आओगी ,
    मेरा साथ देने तुम।

    2 टिप्‍पणियां:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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