मरजानी मरजानी खसमां नूं खानी
उपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें और टिप्पणियों और पोस्टों में सभी ब्लॉगर्स अपना विरोध दर्ज कराएं।
मरजानी मरजानी खसमां नूं खानी - बिल्लू बारबर के इस गीत पर रोक लगाओ
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
Labels:
गीत का विरोध करें,
बिल्लू बारबर,
शाहरूख खान
Labels:
गीत का विरोध करें,
बिल्लू बारबर,
शाहरूख खान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
हमारे यहाँ बड़ी-बूढी औरतें..अपने से उम्र में छोटियों को लाड से प्रायः.. खसमां नूं खानी मरजाणी कहती ही आई हैं...हमें तो आज तक पता ही नहीं था की इस प्यार में भी मतलब ढूँढा जाना चाहिए... आशा है मेरी असहमति को अन्यथा नहीं लेंगे..
जवाब देंहटाएं