स्लम-डाग मिलियोनर.(प्रतिक्रिया कविता में)
Posted on by Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " in
Labels:
कविता,
संघर्ष,
स्लमडॉग मिलियोनर
संघर्ष की गाथा
संघर्ष और विजय की गाथा है स्लम-डाग मिलियोनर.
संघर्षों के रोमाँच की,
भय की - आशंका की – अनिश्चितता की
और इन सबको चीरते हुये
विजय की और इंच-दर-इंच बढ़ने की
सम्पूर्ण विषमताओं के बावजूद विजयश्री के
वरण के आनन्द की कथा है-स्लम-डाग मिलियोनर.
संघर्ष जमाल का-सलीम का- लतिका का
संघर्ष बस्ती का-पुलिस और गुँडों के साथ
संघर्ष भारत का – शक्तिशाली इंडिया के साथ
संघर्ष प्रेम का-पैसे के साथ-मान्यताओं के साथ-परम्पराओं के साथ
संघर्ष भावनाओं का- नृशँस व्यवस्था-तन्त्र के साथ
संघर्ष चेतना का- पदार्थ के साथ.
संघर्ष मिलन के लिये
संघर्ष विकास के लिये
संघर्ष मुक्ति के लिये
संघर्ष प्रेम के लिये
संघर्ष विजय-प्राप्ति के लिये
संघर्ष और विजय की कथा है- स्लम-डाग मिलियोनर.
संघर्ष पूरे जीवट के साथ
संघर्ष पूरी जद्दो-जहद के साथ
संघर्ष सम्पूर्ण इच्छा शक्ति के साथ
संघर्ष प्राण-प्रण के साथ-विजय के लिये.
संघर्ष और विजय की कथा है स्लम-डाग मिलियोनर.
संघर्ष ही जीवन है.
फ़िल्म में ही क्यों, प्रत्यक्ष जीवन में जारी है संघर्ष
भारत की हर साँस-साँस संघर्षरत
भारत की हर धङकन संघर्षरत
भारत संघर्षरत- इंडिया के विरुद्ध
गरीब,असहाय, निशस्त्र भारत संघर्षरत है.
जमाल में जिन्दा है भारत
बस्ती में पिसता है भारत
इण्डिया के तन्त्र से पीडि़त भारत
निरन्तर बढते-चमकते-चहकते इण्डिया के विरुद्ध
भोग और पदार्थवाद के विरूद्ध
विज्ञापन और बाज़ारवाद के विरुद्ध
सेकूलर शिक्षा और निर्मम अर्थ-तन्त्र के विरुद्ध
सिद्धान्त-शून्य वोट-तन्त्र के विरुद्ध
आस्था-शून्य विकास-तन्त्र के विरुद्ध
संघर्षरत है भारत- विजय के लिये
और विजय का विश्वास बढाता है स्लम-डाग मिलियोनर.
आवश्यक है संघर्ष
अपरिहार्य है संघर्ष
जमाल को लड़ना ही पङता है-चाहे-अनचाहे
भारत को लड़ना ही पङेगा चाए-अनचाहे
जमाल लड़ता है, प्रेम के लिये
भारत लङ़ेगा अपने आदर्शों के लिये
जमाल हारता है बार-बार,मगर टूटता नहीं
भारत हार सकता है, कई बार- मगर टूटेगा नहीं.
गिरना,घायल हो जाना, लहू-लुहान हो जाना संभव है
मगर थकना, हार जाना और टूट जाना संभव नहीं
अन्तिम जीत प्रेम की, सत्य की, भारत की है
जमाल तो निमित्त है केवल
मगर बड़ा अर्थ-पूर्ण है यह निम्मित्त भी.
जमाल-सलीम-लतिका,
नाम को छोङकर कहाँ है- मजहबी उन्मादी रंग?
भारत प्रकट हुआ है जमाल में
इण्डिया स्पष्ट है सलीम में
और लतिका बन गई दोनों की कसौटी.
इण्डिया है-सैक्स,हिंसा, कपट, चालबाजी-सलीम.
भारत है- प्रेम, करूणा,मुदिता, सच्चाई-जमाल
सलीम सताता है जमाल को
इण्डिया हावी है भारत पर
हारता है सलीम का लालच, कपट और मोह-अन्ततः
हारना ही है इण्डिया को अन्ततः
और जीतता है- भारत का प्रेम,मासूमियत और सच्चाई अन्ततः
जीतना ही है भारत को
इण्डिया पर भारत की जीत की घोषणा है स्लम-डाग मिलियोनर
इण्डिया पर भारत की जीत का दस्तावेज है-स्लम-डाग मिलियोनर
..... ..... naiasha.com
Labels:
कविता,
संघर्ष,
स्लमडॉग मिलियोनर
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंफिल्म की समीक्षा है इस कविता में । अच्छा लिखा आपने ।
जवाब देंहटाएं