मेरा काव्य- " शब्द "

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  • शब्द ही माध्यम है मेरे
    या
    मैं ही हूँ शब्द?
    मुश्किल था समझना
    खुद को,
    कुछ कहूँ
    या
    न कहूँ
    बिना शब्द
    पहुँचती है
    मेरी भावना
    मेरी संवेदना
    मेरा प्यार
    करता हूँ
    विचार हमेशा
    बिना शब्दों के
    अधूरा हूँ मैं।
    खामोश हो जाती है
    मेरी शख्सियत
    खो जाती है
    मेरी पहचान
    इसलिए
    इन शब्दों को
    बनाया मैंने
    हथियार
    खुद को
    पहचानने में
    आखिर ये शब्द ही तो
    हैं
    जो बयां करते हैं मुझे,
    मेरे जज्बात को
    मेरी आवाज को
    इन शब्दों से
    ही तो हूँ मैं
    और
    मेरी अभिव्यक्ति ।

    5 टिप्‍पणियां:

    1. हर कवि और लिखने वाले के दिल की बात कह दी आपने। ब्लॉग सम्राट को सलाम।

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    2. हर कवि और लिखने वाले के दिल की बात कह दी आपने। ब्लॉग सम्राट को सलाम।

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    3. बहुत सही कहा आपने...शब्द अभिव्यक्ति का आयाम बढ़ा देते हैं.

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    4. sahi kaha aapne ---------shabd hi to madhyam hain apni abhivyakti ka---------har shabd mein ek na ek kahani chupi hoti hai jab bhi abhivyakti hoti hai -----------bahut sundar bhav

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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