सिडनी में बेईमानी की ठंड

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • बेकसूर को मिला रहा दंड है
    सिडनी में बेईमानी की ठंड है
    करतूतों की घुट रही भंग है
    देख क्रिकेट प्रेमी विश्व दंग है

    बकनर के नाम में ही राज छिपा है
    नर जो बक रहा बना नहीं बकरा है
    भज्जी को कर दिया देखो हलाल है
    क्रिकेट के प्रेमियों को रहा मलाल है

    बेनसन बेईमान है सिडनी बना पहलवान है
    निन्दा कर रहे सब बेईमान की खुलेआम हैं
    घड़ा पापी का फूटना तो भारत की जीत है
    दिलों में जीत है मन में सबके बढ़ी प्रीत है

    2 टिप्‍पणियां:

    1. बकनर का बक-नर अच्‍छा है। सुंदर कृति के लिए धन्‍यवाद।

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    2. बहुत बढ़िया कविता सर...ये नर तो सचमुच उंगली से बक गया...
      अच्छी रचना के लिए धन्यवाद..

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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