बेकसूर को मिला रहा दंड है
सिडनी में बेईमानी की ठंड है
करतूतों की घुट रही भंग है
देख क्रिकेट प्रेमी विश्व दंग है
बकनर के नाम में ही राज छिपा है
नर जो बक रहा बना नहीं बकरा है
भज्जी को कर दिया देखो हलाल है
क्रिकेट के प्रेमियों को रहा मलाल है
बेनसन बेईमान है सिडनी बना पहलवान है
निन्दा कर रहे सब बेईमान की खुलेआम हैं
घड़ा पापी का फूटना तो भारत की जीत है
दिलों में जीत है मन में सबके बढ़ी प्रीत है
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बकनर का बक-नर अच्छा है। सुंदर कृति के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कविता सर...ये नर तो सचमुच उंगली से बक गया...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना के लिए धन्यवाद..