नए साल में लफड़े

Posted on
  • by
  • अविनाश वाचस्पति
  • in
  • Labels: , ,
  • कहीं हो रही है पिटाई
    कहीं फाड़े जा रहे कपड़े
    नए साल में कर रहा है
    कौन ऐसे ऐसे लफड़े
    पुलिस से कहो पकड़े
    समाज ही पहले जकड़े
    या वे ही हैं मजबूत
    वे ही है सबसे तकड़े
    फाड़ रहे हैं देख कपड़े
    कर रहे विलोक लफड़े

    2 टिप्‍पणियां:

    1. यही हो रहा है क्या है तो नया साल और क्या बीता साल
      बज रही है यही गलत ताल कौन हटाएगा यह पुरसा हाल

      जवाब देंहटाएं
    2. नए साल का जलवा अभी से दिख रहा है
      इस से तो गया साल ही भला लग रहा है
      कम से कम इतनी बेहयायी....
      इतनी बेशर्मी इस सरज़मीं पे तो न देखी थी

      जवाब देंहटाएं

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz