काल कपाल महाकाल आपातकाल

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • कालों का काल देखो आपातकाल
    न कर सके कोई अवाल बवाल
    समझो लग गया रे आपातकाल
    अभिव्यक्ति की तब गले न दाल
    लग जाए देश में जब आपातकाल
    गूंजे सब ओर तानाशाही की ताल
    जीना बने सबके जी का जंजाल
    काल कपाल महाकाल आपातकाल

    1 टिप्पणी:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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