ये क्या हो रहा है
अब तो सपना भी
सच हो रहा है।
सुबह का सपना था
इतनी जल्दी सच होगा
न सोचा था
सच में अन्नाभाई
गिरफ्तार हो गया।
करता है नित नये घोटाले
जो न जा सकते टाले
उसने उनके ही बैंड बजा डाले
जो न जा सकते टाले
उसने उनके ही बैंड बजा डाले
किस किस से जुड़े हैं तार
उनमें से ही किसी ने
कराया होगा गिरफ्तार ।
कराया होगा गिरफ्तार ।
कौन कौन से
नेटवर्क चलाता है
बिना इंटरनेट के
पब्लिसिटी पाता है ।
वंदना उवाच :
बिना इंटरनेट के
पब्लिसिटी पाता है ।
वंदना उवाच :
कहाँ कहाँ ये जाते हैं
कैसे कैसे सब्जबाग
ब्लॉगरों को दिखाते हैं।
हश्र यही इक दिन होना था
भरना इक दिन भगौना था
भरना इक दिन भगौना था
अविनाश वाचस्पति को तो
एक दिन गिरफ्तार होना था।
कौन सी जेल में है बंद
बताने वाले को दिया
जायेगा इनाम
बेल तो करानी पड़ेगी
कुछ तो शराफत
दिखानी पड़ेगी
जो देना चाहे जमानत
वो भी सामने आये
जो देना चाहे जमानत
वो भी सामने आये
जो भी करवायेगा बरामद
पुस्तक फ्री होगी आमद
पुस्तक फ्री होगी आमद
उसकी पुस्तक फ्री छपेगी।
तो जल्दी करो दोस्तों
पुस्तक छपने में उतनी देरी होगी
जितनी देर छुड़वाने में लगायेंगे
लाने वाले तो उन्हें
गोदी में उठा लायेंगे ।
लाने वाले तो उन्हें
गोदी में उठा लायेंगे ।
पहचान गुप्त रखी जाएगी
सीबीआई को खबर नहीं दी जाएगी
पर आपकी पुस्तक निश्चय ही
जल्दी पब्लिश हो जाएगी।
सीबीआई को खबर नहीं दी जाएगी
पर आपकी पुस्तक निश्चय ही
जल्दी पब्लिश हो जाएगी।