आजकल मास्टर का काम तो सिर्फ आधे दिन स्कूल जाना, मटरगश्ती करना, मोबाइल फोन पर फेसबुक, मेल, ई मेल और कुछ साइटों पर फीमेल के दर्शन करना, गपियाना और घर लौट आना ही रह गया है। पहले ऐसी तो नहीं, पर जो भी तफरीह की जाती थी, वो स्टूडेंट्स के द्वारा की जाती थी। अब वे दरवाजे टीचर के लिए ओपन हैं। अधिक स्याने मास्टर कोचिंग क्लास भी लेते हैं, कई तो क्लास से बंक मारकर ही यह शुभ कार्य संपन्न कर लेते हैं और तनख्वाह से अधिक बटोर लाते हैं। मास्टर अब वो नहीं हैं कि हाथ में सिर्फ छड़ी है, घड़ी नहीं है। पैरों में चप्पल है, आडिडास के बूट नहीं हैं। बदन पर धोती कुर्ता और हेलमेट है। आज के समय का मास्टर हाथ में एपल का आई फोन, टेबलेट जैसे गैजेट्स से सुसज्जित रहता है क्योंकि अब उसका छड़ी पकड़ने वाला हाथ भी खाली हो गया है और पगारधन को तो महीने में सिर्फ एक बार ... पसंद आ रहा हो तो पूरा पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक कीजिएगा
अविनाश वाचस्पति अन्नाभाई लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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ये सच है ………अविनाश वाचस्पति को जेल में डाल दिया गया है
ये क्या हो रहा है
अब तो सपना भी
सच हो रहा है।
सुबह का सपना था
इतनी जल्दी सच होगा
न सोचा था
सच में अन्नाभाई
गिरफ्तार हो गया।
करता है नित नये घोटाले
जो न जा सकते टाले
उसने उनके ही बैंड बजा डाले
जो न जा सकते टाले
उसने उनके ही बैंड बजा डाले
किस किस से जुड़े हैं तार
उनमें से ही किसी ने
कराया होगा गिरफ्तार ।
कराया होगा गिरफ्तार ।
कौन कौन से
नेटवर्क चलाता है
बिना इंटरनेट के
पब्लिसिटी पाता है ।
वंदना उवाच :
बिना इंटरनेट के
पब्लिसिटी पाता है ।
वंदना उवाच :
कहाँ कहाँ ये जाते हैं
कैसे कैसे सब्जबाग
ब्लॉगरों को दिखाते हैं।
हश्र यही इक दिन होना था
भरना इक दिन भगौना था
भरना इक दिन भगौना था
अविनाश वाचस्पति को तो
एक दिन गिरफ्तार होना था।
कौन सी जेल में है बंद
बताने वाले को दिया
जायेगा इनाम
बेल तो करानी पड़ेगी
कुछ तो शराफत
दिखानी पड़ेगी
जो देना चाहे जमानत
वो भी सामने आये
जो देना चाहे जमानत
वो भी सामने आये
जो भी करवायेगा बरामद
पुस्तक फ्री होगी आमद
पुस्तक फ्री होगी आमद
उसकी पुस्तक फ्री छपेगी।
तो जल्दी करो दोस्तों
पुस्तक छपने में उतनी देरी होगी
जितनी देर छुड़वाने में लगायेंगे
लाने वाले तो उन्हें
गोदी में उठा लायेंगे ।
लाने वाले तो उन्हें
गोदी में उठा लायेंगे ।
पहचान गुप्त रखी जाएगी
सीबीआई को खबर नहीं दी जाएगी
पर आपकी पुस्तक निश्चय ही
जल्दी पब्लिश हो जाएगी।
सीबीआई को खबर नहीं दी जाएगी
पर आपकी पुस्तक निश्चय ही
जल्दी पब्लिश हो जाएगी।
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