हंसने रोने की कविता
कभी जोर जोर से
हंसती है
और कभी उससे भी जोर से
रो पड़ती है दया भाभी की तरह।
पर कितना भी वह
रो या हंस जाए
तारक मेहता का चश्मा
उल्टा ही रहता है।
इस उल्टे चश्मे की
एक झलक देखने के लिए
और खुद को छिपाने के लिए
बोल बच्चन से लेकर
सलमान खान और चोटी के सितारे
तथा अभिनेत्रियां शामिल होकर
धन्य हो जाती हैं।
काफी अच्छा और कॉमेडी
तथा जीवन अनुभवों से भरपूर
धारावाहिक यह
धाराप्रवाह प्रवाहित हो रहा है।
पसंद बड़ों की
मुरीद बने हैं बच्चे इसके
सारे संसार को हंसा रहा है
सब कुछ है इसमें
इसमें न समा सके
ऐसा कुछ नहीं जग में।
- अविनाश वाचस्पति
मोबाइल 9560981946
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