##AapkaPrakash
किसी मित्र ने सुझाव नहीं दिया है
मैंने स्वंय अपन आप बदल दिया है
प्रकाश पुस्तकों का है
प्रकाश विचारों का है
प्रकाश रचनात्मकता का है
प्रकाश समूह का है
सब अच्छाइयों का प्रकाश है
समझ लीजिए आकाश है
अाकाश आपका अपना है
मैं तो निमित्त मात्र हूं
मिट्टी का पात्र हूं
मिट्टी कच्ची है
पर आपका प्रकाश
ऊर्जा है, आंच है
आंच वही जो सांच की है।
किसी मित्र ने सुझाव नहीं दिया है
मैंने स्वंय अपन आप बदल दिया है
प्रकाश पुस्तकों का है
प्रकाश विचारों का है
प्रकाश रचनात्मकता का है
प्रकाश समूह का है
सब अच्छाइयों का प्रकाश है
समझ लीजिए आकाश है
अाकाश आपका अपना है
मैं तो निमित्त मात्र हूं
मिट्टी का पात्र हूं
मिट्टी कच्ची है
पर आपका प्रकाश
ऊर्जा है, आंच है
आंच वही जो सांच की है।
अच्छी प्रगतिवादी रचना !
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