हाल ही में सीबीएसई सहित देश के विभिन्न राज्य शिक्षा
बोर्ड के परीक्षा परिणाम घोषित हुए. हमेशा की तरह अव्वल आए छात्र-छात्राओं ने अपने
भविष्य के सुनहरे सपने मीडिया के साथ साझा किए और मीडिया ने भी इन सपनों को
सुर्खियाँ बनाने से कोई परहेज नहीं किया. शायद अन्य विद्यार्थियों को प्रेरित करने
के लिए इसे उचित भी ठहराया जा सकता है. ख़बरों से ही पता चला की मेधावी बच्चों में
से कोई नामी आईआईटी में जाना चाहता है तो कोई आईआईएम में,किसी के सपने डाक्टर बनने
में बसे हैं तो कोई कारपोरेट जगत के तख्तो-ताज के करीब पहुँचने की ख्वाहिश रखता
है. देश भर की प्रावीण्य सूचियों में स्थान बनाने वाले बच्चों के सपनों में मुझे
एक बात सबसे ज्यादा खटकी वह.....
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (03-06-2014) को "बैल बन गया मैं...." (चर्चा मंच 1632) पर भी होगी!
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक