पहचानो मुन्नाभाई को ?
काठमांडू स्थित नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान (Nepal Academy), भारती भिक्षु स्मृति प्रतिष्ठान तथा अवधि सांस्कृतिक विकास परिषद् के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में भारत से आये हुए साहित्यकारों तथा नेपाली साहित्यकारों का एक विचार विनिमय कार्यक्रम नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सभागार में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता नेपाल के वरिष्ठ अवधी साहित्यकार विश्वनाथ पाठक ने की। भारतीय साहित्यकारों एवं ब्लॉगरों का प्रतिनिधित्व परिकल्पना समय के प्रधान सम्पादक लखनऊ निवासी रवींद्र प्रभात ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सदस्य सचिव सनत रेग्मी थे तथा विशिष्ट अतिथि भारत से आये अवधी साहित्यकार तथा अवध ज्योति के सम्पादक डॉ. राम बहादुर मिश्र थे ।
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प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सचिव सनत रेग्मी ने भारत से आये हुए विद्वानों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और नेपाल के सम्बंधों को मजबूती देने के लिए यह आवश्यक है कि भारत में भी नेपाली भाषा को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाये। भारत की उपेक्षा नेपाल को खलती है। नेपाल और भारत की मैत्री को व्यापक स्वरूप देने का प्रयास किया जाये। नेपाल और भारत की भाषा और संस्कृति साझा है। मैथिली, भोजपुरी, अवधी, थारु आदि भाषाएँ दोनों देशों में बोली और समझी जाती है। नेपाल में सभी भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा का दर्ज़ा देने का प्रयास किया जा रहा है। नेपाल और भारत की भाषा पर साझा कार्यक्रम करने की आवश्यकता है यह दुर्भाग्य यह है कि नेपाली तो भारत और वहाँ की भाषा को सम्मान देते हैं किंतु भारत में यह भाव नहीं।
इस कार्यक्रम में इं. विनय प्रजापति, डॉ. नमिता राकेश, श्रीमती सम्पत देवी मुरारका, मुकेश सिन्हा, सुशीला पुरी, मनोज पाण्डेय, रामबाबू गुप्ता (भारत) , तपानाथ शुक्ला, सुमित्रा मानंधर, डॉ. संजिता वर्मा, आलोक तिवारी, रामभरोसे कापड़ी, आलोक तिवारी (नेपाल) आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन नेपाल के प्रतिष्ठित अवधी साहित्यकार विक्रममणि त्रिपाठी ने किया।
शुभकामनाएं।
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