ब्‍लॉगिंग छोड़ दी मैंने : अविनाश वाचस्‍पति (कविता नहीं सच)

यह टंकी पर नहीं चढ़ रहा हूं
मत समझें कि खुदकुशी कर रहा हूं
ब्‍लॉगिंग में सबने बुरा बुरा ही कहा है मुझे
वह तो मैं हूं जो सह गया
फिर भी ब्‍लॉगिंग करता गया
पर अब नहीं सहूंगा
किसी की क्‍यों सुनूं
आरोप लगा रहे हैं सारे
ब्‍लॉगिंग इसलिए करी मैंने
कि अखबारों में छपे मेरे लेख सारे
इसलिए अब मैं अखबारों में ही छपूंगा
फेसबुक पर मिलूंगा
मिलूंगा ट्विटर पर
लिकेंदिन, पिन्‍टरेस्‍ट
और ऐसे सभी सोशल मीडिया ठिकानों पर
पर ब्‍लॉगिंग नहीं करूंगा
ब्‍लॉगिंग तो एक गाली है
जो सबने मुझे दी है
जैसे ब्‍लॉगिंग करके मैंने
बंगला बना लिया है
मुझे बगुला भगत तक कहा गया है
गत बनाई है मेरी बुरी
ब्‍लॉगिंग ही है वह धुरी
जहां पर मेरी लेखनी पर चली है छुरी
विचारों को मेरे पीस दिया गया है
एक एक विचार को कुचला गया है
अब नहीं सहूंगा
ब्‍लॉगिंग नहीं करूंगा
आपको जिसमें मिलती है खुशी
आप वही करो
जिसमें मुझे मिलती है
मैं वह करूंगा।

इस ब्‍लॉग को भी कुछ घंटे बाद
बंद कर दूंगा
अपने बाकी सभी ब्‍लॉग मैंने
कर दिए हैं बंद
क्लिक करे घूम कर देख लें
जांच लें
कोई खुला रह गया हो तो
बतला दें
उस पर भी ताला जड़ दूंगा
सब पर जड़ दिया है ।

सब मुझे अपनी तरह चलाना चाहते हैं
अपने विचार मुझ पर लादना चाहते हैं
मैं क्‍या कोई गधा हूं
जो भार लेकर चलूंगा
मैं भी अब हाथ खाली हिला हिला कर
फेसबुक पर घूमूंगा
मंडराऊंगा
और खूब विवादित सेक्‍सी स्‍टेटस लगाऊंगा ।

जिसको हो आपत्ति मुझे छोड़ दे
मेरी कलम के लिखे को पढ़ना छोड़ दे
पर मैं ब्‍लॉगिंग नहीं करूंगा
सब कुछ करूंगा
मानूंगा, मनाऊंगा
पर ब्‍लॉगिंग शुरू करने की
किसी की बात कतई नहीं मानूंगा
ब्‍लॉगिंग करके अपने अमूल्‍य समय को
यूं ही क्‍यों उजाड़ता रहूं
उतने समय में फेसबुक पर मस्‍ती न करूं
मन में आए तो व्‍यंग्‍य न लिखूं ।

आपको न हों पसंद मेरे व्‍यंग्‍य
मेरे लेख, मेरी कविताएं, मेरे विचार
नहीं पड़ता अब कोई अंतर
वह सब मेरी संतानें हैं
मुझे बहुत प्‍यारी हैं
आपके कहने से मैं क्‍यों उनका गला घोटूं
मैं अपने नहीं, आपके दिमाग से सोचूं
आप करो आलोचना और मैं खुश रहूं
मैं करूं तारीफ और आप रहें प्रसन्‍नमना
क्‍या मैं इसलिए ही हूं बना।

अब देखना बिना ब्‍लॉगिंग के
कितनी घनघोर होगी विचारों की बरसात
आपने पानी की बाढ़ देखी है
नहीं देखी होगी विचारों की बाढ़
देखता हूं कौन मुझे रोकता है
किसके रोकने से मैं रूकता हूं
आप भी देख रहे हैं
मैं भी देख रहा हूं
आप भी देखते रहिए
मैं तो मुंह ढक कर सोऊंगा
पर ब्‍लॉगिग सपने में नहीं करूंगा।


15 टिप्‍पणियां:

  1. अरे क्या हो गया अचानक, ब्लोगिंग से ही तौबा कर ली आपने । जहां प्यार होता है वहीं तो तकरार की भी स्थिति उत्पन्न होती है । छोटी-छोटी बातों को मन में नहीं रखते ब्लॉग पर जाकर उड़ेल दिया करें, मगर मेरी मानें तो ब्लॉग लिखना बंद न करें ।

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  2. हमसे तो वादा किया था व्यंग्य छोड़ने का।
    पर कुछ भी क्यों छोड़ो
    किसी और के कहे से
    बने रहो जिंदा
    ब्लॉग्गिंग में,व्यंग्य-लेखन में।

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  3. अरसे नहीं चढा था
    कोई टंकी या टंका पर
    कोई हथौड़ा नहीं पड़ा था
    ब्लॉगिंग के डंका पर
    खींचिए टी आर पी खूब
    कहीं न रहे चूक
    हम आपको फ़िर मनाने आएगें
    बहला फ़ुसला कर
    ब्लॉगिग में ले आएगें।
    कहीँ जाईएगा नहीं
    एक शार्ट ब्रेक के बाद
    अभी लौट कर आ रहे हैं
    करेंगे जोड़ तोड़
    होगा भांडा फ़ोड़
    ब्लॉग़िंग की रहेगी मौज
    बढ़ती रहेगी नुक्कड़ की फ़ौज

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  4. बहुत अच्छा कर रहे है शाबाश

    आखिर "वो" जीत गए और आपको हराकर ब्लोगींग से भगा ही दिया

    अब फेसबुक से भगायेंगे फिर अखबारों से
    जूते के तस्मे बाँध लीजिये अब तो भागते ही रहना है
    :)

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    1. वो जीत गए
      हम हारकर भी खुश हैं
      चाहता हूं मैं सबको खुश देखना

      जूते चप्‍पल की बात तो छोडि़ए
      मैं नंगे पैर भी भाग सकता हूं
      पथ पर चाहे लोहे के कांटे बिछे हों

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  5. अरे मैंने ऐसा तो नहीं कहा था :-(

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    1. लेकिन मुझे ऐसा क्‍यों लगा

      लगा है तो सच भी हो सकता है
      और झूठ भी
      और वह मुझे पसंद नहीं है।
      गलतीफहमी में मैं
      कहीं पर भी जबर्दस्‍ती बने रहना नहीं चाहता।

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  6. शरीफ़ों का ज़माने में हाल वो देखा ...कि ब्लागिंग छोड़ दी मैंने..............हिंदी ब्लागिंग को आप के इस निर्णय से झटका लगेगा अविनाश भाई, हिंदी चिट्ठाकारी के लिए काला दिन लगता है अपुन को तो आज ..जब आप ही इसे बॉय बॉय कह रहे हैं...
    बहरहाल, जो मस्ती के मंसूबे आपने बुने हैं उन के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं....सच में मस्ती भी तो ज़रूरी है...

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    1. झटका लगे
      चाहे हलाल हो
      कोई भी मालामाल हो
      मुझे कोई मलाल नहीं
      मैं तो चला।
      बंद करके नुक्‍कड़ का भी रास्‍ता
      क्‍योंकि किसी ने भी
      इसे चलाते रहने की इच्‍छा नहीं जताई है।

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  7. उत्तर
    1. हैं तो हाथी
      पर चींटियों से तो
      डरना पड़ता है।

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  8. यह कविता मय टिप्‍पणियों के फेसबुक पर लगा रहा हूं और इस ब्‍लॉग को भी सदा सदा के लिए बंद कर रहा हूं। अलविदा

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  9. मुबारक हो लौटना....अब कभी मत जाना ।

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    1. जाने का समय हुआ
      अब रात को 2 बजे से 3 बजे तक ब्‍लॉग खुलेगा
      फिर कर दिया जाएगा बंद।

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  10. जब नशा
    हद से जियादा बढ़ जाता है
    तब ऐसे ही ख़याल आते हैं
    ..बधाई हो।

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