टी.वी. पर एक ग़ज़ब तरह की प्रजाति दिखाई देती है जो,
➡ बुद्धिजीवी होने का सॉलिड ढोंग भरती है,
➡ सरकारों के सभी काम ग़लत बताती है,
➡ राजनेताओं और नौकरशाहों को भ्रष्ट और निकम्मा बताती है.
➡ लेकिन सिविल सर्विस के चारों चांस में फेल हो चुकी होती है,
➡ सरकारी ख़र्चे का कोई लाभ लेने से कभी नहीं चूकती और
➡ मौक़ा लगते ही राज्यसभा की टिकट जुगाड़ लेती है (धन्य हैं ये परजीवी)
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जवाब देंहटाएंकाहे से कि दूसरों की गलती बताने में कुछ नहीं जाता है..
नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपकी यह पोस्ट 3-1-2013 को चर्चा मंच पर चर्चा का विषय है
कृपया पधारें
बहुत बढ़िया कटाक्ष...
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